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Maharashtra Political Crisis: फिर संकट में MVA सरकार, ढाई सालों में लगे कई दाग

संजय राउत ने विधानसभा भंग किए जाने के संकेत दिए, तो कमलनाथ ने कहा कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.

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Maharashtra Political Crisis: साल 2019 में महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक ड्रामे के बीच बनी उद्धव ठाकरे की सरकार पिछले ढाई सालों से कई ड्रामों और राजनीतिक संकटों का सामना कर चुकी है. अब एक बार फिर सरकार पर संकट के ऐसे बादल मंडरा रहे हैं कि शिवसेना सांसद संजय राउत विधानसभा भंग करने तक का इशारा दे रहे हैं. इस नए संकट की वजह हैं शिवसेना के बड़े नेता एकनाथ शिंदे, जिन्होंने MLC चुनाव के ठीक बाद से बगावत के सुर पकड़ लिए हैं.

शिंदे अपने साथ कई विधायकों को लेकर असम में गुवाहाटी आ गए हैं और बीजेपी के संपर्क में हैं.
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शिंदे ने महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के लिए नई परेशानी पैदा कर दी है, लेकिन ठाकरे की नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार अपने गठबंधन से ही इन संकटों का सामना कर रही है.

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कई घंटों के ड्रामे के बाद बनी थी सरकार

2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद, सरकार में 50:50 पर सहमति नहीं बनने के बाद शिवसेना ने अपनी पुरानी सहयोगी बीजेपी से नाता तोड़ लिया और, कांग्रेस-NCP के साथ मिलकर गठबंधन किया. किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद राज्य में हड़बड़ी में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. इसके अगले ही दिन अजीत पवार ने NCP से बेवफाई करते हुए देवेंद्र फडणवीस का हाथ थाम लिया और बीजेपी ने सरकार बनाई. महाविकास अघाड़ी गठबंधन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने से पहले अजीत पवार ने इस्तीफा दे दिया और बीजेपी की सरकार गिर गई. इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी ने सरकार बनाई.

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अनिल देशमुख पर आरोप

NCP नेता अनिल देशमुख के खिलाफ अप्रैल 2021 में सीबीआई ने वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज किया. 100 करोड़ की रिश्वतखोरी का आरोप लगा. फिलहाल वो जेल में हैं.

एंटीलिया के बाहर एक्सप्लोसिव मिलने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का नाम आना महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए एक बड़ा सेटबैक था. CBI की एफआईआर के बाद ED ने देशमुख के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. देशमुख पर आरोप है कि गृहमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच कई ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से करोड़ों रुपये वसूल किए.

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नवाब मलिक की गिरफ्तारी

महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को जब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया, तब ठाकरे सरकार को एक और झटका लगा. मलिक को फरवरी 2022 में एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से कथित संबंध को लेकर PMLA एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था.

महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मलिक पर आरोप लगाया कि उन्होंने दाउद इब्राहिम के सहयोगी से कम कीमत में जमीन खरीदी थी. ED ने आरोप लगाया है कि संपत्ति की रजिस्टर्ड वैल्यू मौजूदा मार्केट रेट से काफी कम थी.

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ड्रग्स केस की छींटें

साल 2020 में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी से मौत के बाद शुरू हुई नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की जांच से भी बीजेपी को महाराष्ट्र सरकार पर सवाल खड़े करने का बहाना मिल गया है. एक्टर रिया और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती की गिरफ्तारी और दीपिका पदुकोण समेत कई बड़े एक्टर्स से पूछताछ के बाद सवाल उठने लगे कि राज्य सरकार की नाक के नीचे क्या कोई बड़ा सिंडिकेट चल रहा है.

इन अफवाहों को और हवा तब मिली जब अक्टूबर 2021 में एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और उनके कुछ दोस्तों को NCB ने गिरफ्तार किया. आर्यन खान को अब कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी आमने-सामने थे. हर दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नवाब मलिक ने जहां कई खुलासे करने का दावा किया, तो वहीं बीजेपी ने सराकर पर शह देने का आरोप लगाया.

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NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पिछले ढाई सालों में तीन बार महाराष्ट्र सरकार को गिराने की कोशिश की जा चुकी है. संजय राउत ने विधानसभा भंग किए जाने के संकेत दिए, तो महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे से बात की है और अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.

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