महाराष्ट्र चुनाव में एक अलग तरह का भी एंगल नजर आ रहा है. कई उम्मीदवार तो ऐसे हैं जिनके बीच खून का रिश्ता है मतलब वो एक ही परिवार से आते हैं लेकिन वो एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. ये उम्मीदवार 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अलग-अलग पार्टियों से एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. अतीत में कई मौकों पर देखा गया है कि ऐसे उम्मीदवारों द्वारा अपने रिश्तेदारों के खिलाफ किए गए अभियान काफी आक्रामक रहे हैं. कई हालांकि दावा करते हैं कि दुश्मनी केवल सार्वजनिक राजनीतिक क्षेत्र तक सीमित है, अन्यथा उनके पारिवारिक संबंध निजी तौर पर बेहतर होते हैं.
पंकजा मुंडे-धनंजय मुंडे
इस तरह से चुनाव लड़ रहे सबसे हाई प्रोफाइल मुंडे परिवार है. इस परिवार के दो सदस्य बीड में एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. यह क्षेत्र दिवंगत केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का गढ़ है.
उनकी आक्रामक बेटी और ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे परली सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. पंकजा के सामने उनके चचेरे भाई विधान परिषद में विपक्ष के नेता एमएलसी धनंजय मुंडे हैं. वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के उम्मीदवार हैं.2014 के चुनाव में पंकजा धनंजय को हरा चुकी हैं.
जयदत्त क्षीरसागर-संदीप क्षीरसागर
दूसरी सीट बीड जिले की बीड विधानसभा क्षेत्र है. यहां चाचा-भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. इस सीट से जयदत्त क्षीरसागर अपने भतीजे संदीप क्षीरसागर के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं. गेवराई (बीड) में भी एक पंडित परिवार से संबंध रखने वाले चाचा-भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. एनसीपी ने अमरसिंह पंडित को मैदान में उतारा है, जबकि उनके चाचा बादामराव पंडित निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
अशोक निलंगेकर- संभाजीराव निलंगेकर
लातूर की निलंगा सीट पर भी एक ही परिवार के सदस्य एक कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं. यहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव निलंगेकर पाटील के बेटे अशोक निलंगेकर पाटील कांग्रेस के टिकट पर अपने भतीजे और राज्य मंत्री संभाजीराव निलंगेकर पाटील के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. संभाजीराव बीजेपी उम्मीदवार हैं.
इसके साथ ही नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में एनसीपी के धर्मराव बाबा अत्रम और उनके भतीजे एवं मंत्री अंबरीशराव अत्रम (बीजेपी) के बीच चुनावी लड़ाई है.पुसद (यवतमाल) में दिवंगत वसंतराव नाईक के पोते इंद्रनील नाईक कांग्रेस की ओर से, जबकि उनके भतीजे निलय नाईक बीजेपी की ओर से चुनाव मैदान में हैं.
इसके उलट महाराष्ट्र के लातूर जिले में पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के दो बेटे अमित और धीरज कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों भाइयों की विधानसभा सीटें एक-दूसरे से लगी हुई हैं. लातूर शहर विधानसभा से जहां अमित मैदान में हैं. वहीं, उनके भाई धीरज लातूर ग्रामीण सीट से पहली बार चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दोनों नेता बॉलीवुड अभिनेता रितेश देशमुख के भाई हैं. रितेश उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जोरदार प्रचार में लगे हुए हैं.
(इनपुट: IANS)
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