नागरिकता बिल और राहुल गांधी को लेकर शिवसेना के रुख पर बीएसपी प्रमुख मायावती कांग्रेस पार्टी से नाराज दिख रही हैं. मायावती का कहना है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बावजूद शिवसेना पुराने एजेंडे पर कायम है, इसके बावजूद कांग्रेस, शिवसेना के साथ सरकार में क्यों है?
मायावती ने ट्वीट कर कहा, "शिवसेना अपने असली एजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए उन्होंने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को लेकर भी इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है. इसके बावजूद कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो ये सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?"
कांग्रेस को इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिए. वरना ये सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी.मायावती, प्रमुख, बीएसपी
महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार
शिवसेना 'हिंदुत्व की विचारधारा' पर राजनीति करने वाली पार्टी मानी जाती है. कई सालों से एनडीए का समर्थन करने वाली शिवसेना ने इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के साथ नाराजगी के चलते अपनी विरोधी विचारधारा वाली पार्टी कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.
महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद ऐसे दो मामले हुए, जब शिवसेना ने एनडीए और हिंदुत्व की विचारधारा का समर्थन किया. पहला शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर एनडीए का समर्थन और बिल के पक्ष में वोट डाला. इसके बाद राहुल गांधी के 'मैं सावरकर नहीं' वाले बयान का विरोध भी किया.
अब मायावती ये पूछ रही हैं कि शिवसेना के ऐसे रूख के बावजूद भी कांग्रेस उसके साथ क्यों है.
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