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बीजेपी को चंदा देने वाली कंपनियों को मिले बुलेट ट्रेन के टेंडर

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आधिकारिक रूप से मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट (MAHSR) कहा जाता है

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उद्धव ठाकरे सरकार ने जो बड़े फैसले लिए, उनमें मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की 'समीक्षा' भी शामिल है.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आधिकारिक रूप से मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट (MAHSR) कहा जाता है. ये भारत और जापान का ज्वॉइंट वेंचर है.

ठाकरे सरकार के इस फैसले के बाद क्विंट ने इस प्रोजेक्ट के तहत दिए गए कॉन्ट्रैक्ट्स पर नजर डाली. क्विंट ने पाया कि MAHSR के तहत कम से कम तीन टेंडर ऐसी कंपनियों को दिए गए, जिन्होंने पिछले सालों में बीजेपी को चंदा दिया है.

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उदाहरण के लिए, 'वडोदरा स्टेशन के पास वेस्टर्न रेलवे के कम्प्यूटराइजड रिजर्वेशन सिस्टम कॉम्प्लेक्स के लिए जगह की लीज' का टेंडर गुजरात स्थित क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी को मिला है. पता चला है कि कंपनी बीजेपी को चंदा देती आई है.

जो चंदे की जानकारी बीजेपी ने जारी की है उसके मुताबिक, इस कंपनी ने तीन अलग ट्रांजेक्शन में पार्टी को 55 लाख डोनेट किए हैं. वित्त वर्ष 2012-13 में दो बार और 2017-18 में एक बार.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आधिकारिक रूप से मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट (MAHSR) कहा जाता है

कंपनी असल में वडोदरा में स्थित है. इसकी वेबसाइट के मुताबिक, क्यूब कंस्ट्रक्शन को कई सरकारी प्रोजेक्ट मिल चुके हैं, जैसे- गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, गुजरात फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी, सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गुजरात अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और गुजरात एजुकेशन डिपार्टमेंट. इन सभी सरकारी उपक्रमों के साथ कंपनी को कई प्रोजेक्ट मिले.

कंपनी को कई केंद्रीय एजेंसी जैसे ONGC, BSF और ISRO ने भी कॉन्ट्रैक्ट दिए. अपनी वेबसाइट में क्यूब कंस्ट्रक्शन ने दिखाया है कि इसके प्रोजेक्ट्स का टॉप बीजेपी नेताओं ने उद्घाटन किया है.

एक प्रोजेक्ट का पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया है.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आधिकारिक रूप से मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट (MAHSR) कहा जाता है

दिलचस्प बात ये है कि, एक प्रोजेक्ट का उद्घाटन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किया था. उस समय शाह किसी सरकारी पद पर नहीं थे और प्रोजेक्ट गुजरात सरकार का था.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आधिकारिक रूप से मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट (MAHSR) कहा जाता है
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दो और कंपनी हैं जिन्होंने बीजेपी को चंदा दिया है और उन्हें भी MAHSR के तहत कॉन्ट्रैक्ट्स दिए गए थे.

एक कॉन्ट्रैक्टर है केआर सवानी (KR Savani), जिसे 'वडोदरा स्टेशन पर कई सर्विस इमारतों को बनाने' का कॉन्ट्रैक्ट मिला है.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आधिकारिक रूप से मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट (MAHSR) कहा जाता है

सवानी भी गुजरात के कॉन्ट्रैक्टर हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2012-13 में बीजेपी को 2 लाख रुपये का चंदा दिया था.

ऐसा ही एक और कॉन्ट्रैक्टर धानजी के पटेल (Dhanji K Patel) हैं. इन्हें 'MAHSR प्रोजेक्ट के वातवा से साबरमती डी-केबिन के बीच कई कामों' का टेंडर दिया गया.

धानजी के पटेल ने वित्त वर्ष 2017-18 में बीजेपी को 2.5 लाख रुपये का चंदा दिया था.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आधिकारिक रूप से मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट (MAHSR) कहा जाता है

गुजरात स्थित एक और कंपनी रचना इंटरप्राइजेज को वडोदरा के पास 'लाइन नंबर 14, 15 और 16 के प्रस्तावित इलेक्ट्रिफिकेशन कराचिया यार्ड में OHE मॉडिफिकेशन' का मिला था.

इसी नाम की गुजरात की एक कंपनी ने बीजेपी को कई बार चंदा दिया है. लेकिन ये साबित नहीं हो पाया है कि ये दोनों कंपनी एक ही हैं.

ये वो चंदे हैं, जिनका जिक्र बीजेपी की ओर से जारी लिस्ट में किया गया है, पार्टी को कुल कितना चंदा मिला, इसका जिक्र इस लिस्ट में नहीं है.

2017-18 में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक, बीजेपी की 54% इनकम 'अज्ञात' सोर्स से थी. इन सोर्स से पार्टी को 550 करोड़ मिले थे. ये सभी चंदे 20,000 से कम में दिए गए. ऐसा करने से पार्टी इस डोनेशन को घोषित करने के लिए बाध्य नहीं थी. ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे पता लगाया जा सके कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत जिन कंपनियों को टेंडर मिला, वो बीजेपी के 'अज्ञात' डोनर्स में से थी या नहीं.

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