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मोदी सरकार के 8 साल, 8 सबसे बड़े फैसले-कृषि कानून से लेकर CAA तक

26 मई 2014 को पहली बार नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी

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नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के 8 साल पूरे हो गए हैं. 26 मई 2014 को पहली बार नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इसके बाद 2019 में मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने. बीते आठ सालों में मोदी सरकार की नीतियों को कभी सराहा गया तो, कभी उनके फैसले पर सवाल भी उठे. चलिए इस मौके पर मोदी सरकार के उन 8 बड़े फैसलों के बारे में जानते हैं जिसका सीधा असर जनता पर पड़ा.

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1. कृषि कानून: सबसे बड़ा और मुश्किल फैसला

कृषि कानून (Farm Laws) को मोदी सरकार के सबसे बड़े और मुश्किल फैसले के तौर पर देखा जाता है. 17 सितंबर 2020 को संसद में खेती से जुड़े तीनों कानून पास किए गए थे.

  1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020

  2. कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020

  3. आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020

केंद्र सरकार ने इन कानूनों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन कानून के पास होते ही इसका विरोध शुरू हो गया. किसान इस हद तक नाराज थे कि कृषि कानून की वापसी के लिए दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से ज्यादा समय तक आंदोलन चला. इस दौरान कई किसानों को जान भी गंवानी पड़ी थी.

19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. इसके बाद 29 नवंबर 2021 को संसद के दोनों सदनों से कृषि कानून को निरस्त करने वाले विधेयक को मंजूरी मिली.

2. J&K से आर्टिकल 370 खत्म करना

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला किया. 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 और अनुच्छेद 35-ए के प्रावधानों को खत्म दिया गया. यह मोदी सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक है. फैसले से ठीक पहले तमाम स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर लिया गया. वहीं कई दिनों तक जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं. ये सरकार का काफी बड़ा और चौंकाने वाला फैसला था. जिसे लेकर खूब हंगामा भी हुआ, लेकिन मोदी सरकार अपने फैसले पर टिकी रही.

मोदी सरकार के लिए यह कदम उठाना काफी मुश्किलों भरा था, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कदम उठाकर एक देश, एक विधान का संदेश दिया.

3. CAA-NRC पर विवाद

CAA और NRC को लेकर भी मोदी सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. सरकार 2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 समुदायों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी) के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) कानून लेकर आई. इस कानून को लेकर पूर्वोत्तर के असम से लेकर दिल्ली का आंदोलन हुए. दिल्ली शाहीन बाग में CAA-NRC को लेकर लंबा आंदोलन चला.

बाद में पीएम मोदी को खुद भी कहना पड़ा था कि इससे देश के किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं जाएगी और NRC लाने की कोई मंशा नहीं है. यही वजह है कि CAA कानून आने के बाद भी अभी तक देश में लागू नहीं किया जा सका है.

4. तीन तलाक

अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धियों में से एक संसद में तीन तलाक (Triple Talaq) विधेयक का पारित होना भी है. यह एक ऐसा कानून है जिसने तत्काल तीन तलाक को एक आपराधिक अपराध बना दिया. इसे संसद में गहन बहस के बाद 1 अगस्त, 2019 को पारित किया गया था. मोदी सरकार का तीन तलाक पर कानून लाने का फैसला भी काफी विवादों में रहा. लेकिन एक बड़े वर्ग ने इसका समर्थन किया.

5. नोटबंदी

मोदी सरकार 1.0 का सबसे बड़ा फैसला 8 नवंबर 2016 को आया. केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण यानी डीमोनेटाइजेशन की घोषणा की. सरकार के इस फैसले को नोटबंदी कहा गया. सरकार ने ₹500 और ₹2,000 के नए नोट जारी करने की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पीछे कई तर्क दिए. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार, कालाधन, सीमापार आतंकवाद, जाली नोट और देश में फैली नक्सल समस्या पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी.

नोटबंदी की वजह से देशभर में अफतार-तफरी मच गई. पुराने नोट जमा करने और नए नोट हासिल करने के लिए बैंकों में लंबी कतारें लग गई. विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया. तो वहीं विशेषज्ञों ने भी इसे अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक करार दिया था.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 99.30 फीसदी 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट वापस आए. RBI की एनुअल रिपोर्ट में में बताया गया कि, सर्कुलेशन से कुल 15,310.73 अरब रुपये की वैल्यू वाले पुराने नोट वापस आए हैं.

6. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST)

इस फैसले की गिनती भी मोदी सरकार के बड़े फैसलों में होती है. GST को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के नाम से जाना जाता है. GST ने अप्रत्यक्ष करों जैसे उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर को रिप्लेस किया.

आपको बता दें कि, माल और सेवा कर अधिनियम 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया था और 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था. 'एक देश-एक कानून' को ध्यान में रखते हुए GST कानून अस्तित्व में आया.

इस टैक्स सिस्टम का मुख्य उद्देश्य अन्य अप्रत्यक्ष करों (इनडायरेक्ट टैक्स) के व्यापक प्रभाव को रोकना है और एक टैक्स सिस्टम को पूरे भारत में लागू करना है.

7. सर्जिकल स्ट्राइक

जम्मू-कश्मीर के उरी में देश के जवानों पर हुए कायराना हमले का बदला लेने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला किया था. उरी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे.

29 सितंबर 2016 को भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक की और बड़े स्तर पर आतंकवादी लॉन्च पैड को निशाना बनाया. इस हमले में कई आतंकवादी मारे गए थे. इस फैसले ने मोदी सरकार का कद और ऊंचा करने का काम किया और सरकार की जमकर तारीफ हुई. हालांकि, पाकिस्तान ने भारत के दावे को खारिज कर दिया था.

8. बालाकोट एयर स्ट्राइक

2019 में भी भारतीय सेना के जवानों पर बड़ा आतंकी हमला हुआ. पुलवामा में हुए इस हमले में 40 CRPF के जवान शहीद हो गए. इस हमले के बाद लोग एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की मांग कर रहे थे. 26 फरवरी की सुबह भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने PoK में घुसकर बमबारी कर दी. बालाकोट में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस हमले की पाकिस्तान को कानोकान खबर तक नहीं लगी. बताया गया कि हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए थे.

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