गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ खड़े नजर आ रहे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने आरक्षण को लेकर कड़ा रवैया अपनाए रखा है.
चुनाव से पहले पाटीदारों को अपने पक्ष में करने की कवायद में कांग्रेस ने सोमवार को पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता के साथ बैठक की. लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर अब भी पेच फंसा हुआ है.
इस बैठक में कई और नेता भी शामिल थे. हालांकि, हार्दिक पटेल ने बैठक को सकारात्मक तो बताया, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि आरक्षण पर कांग्रेस को अपना स्टैंड साफ करना होगा. इसके लिए अब उन्होंने पार्टी को 7 नवंबर तक का समय दिया है.
हार्दिक ने कहा कि वो न ही राहुल गांधी के रैली के समर्थन में और न ही विपक्ष में ही हैं और बस अपने समाज के लिए आरक्षण चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वो आरक्षण पर कांग्रेस के प्लान का इंतजार करेंगे. हार्दिक ने ये भी कहा कि अगर कोर कमिटी सुझाव देगी तो पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के सदस्य कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे.
बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से कहा गया कि कानून के जानकारों से राय लेने के बाद ही पार्टी पाटीदार आरक्षण पर कोई फैसला लेगी.
पाटीदार नेताओं ने अपनी बात रखी, हम लीगल एक्सपर्ट्स की राय लेंगे और फिर बात को आगे बढ़ाएंगे.भरत सिंह सोलंकी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
इसके अलावा बैठक में पाटीदार नेताओं ने कांग्रेस के सामने अपनी और भी मांगें रखीं.
इन मांगों में आंदोलन के दौरान पाटीदारों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के केस वापस लेने, पाटीदार आंदोलन में शहीद हुए हर शख्स के परिवार को 35 लाख रुपए देने, पीड़ित परिवार के एक शख्स को सरकारी नौकरी और पाटीदारों को लेकर बनाए गए आयोग को 600 करोड़ से 2 हजार करोड़ तक ले जाने की बात शामिल है. साथ ही आयोग को संवैधानिक आधार पर लागू करने की बात भी कही गई है.
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