कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या बागी विधायक अयोग्य ठहरा दिए जाएंगे? चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अध्यक्ष को इस्तीफे पर फैसला करने के लिए 16 जुलाई तक का समय देते हुए तब तक के लिए यथास्थिति का आदेश दिया.
वहीं, गुरुवार की शाम जब अध्यक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा गया कि उन्हें इस्तीफा स्वीकार करने से संबंधित निर्णय लेने के लिए समय की आवश्यकता होगी, तब कोर्ट ने उन्हें एक दिन के अंदर निर्णय लेने के लिए कहा था.
बागी विधायकों को करना होगा व्हिप का पालन
शुक्रवार से विधानसभा का 10 दिवसीय सत्र शुरू होने के कारण उनका यह दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है. क्योंकि जब तक उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं हो जाते, तब तक दोनों दलों के सभी विधायक अपने-अपने दलों द्वारा विधानसभा की उपस्थिति और उसमें मतदान के संबंध में जारी किए गए व्हिप के लिए बाध्य होंगे.
अगर विधायक व्हिप का उल्लंघन करते हैं, तो वे अयोग्यता सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर सकते हैं. इस स्थिति में विधानसभा की शेष अवधि के लिए वह फिर से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
कांग्रेस और जेडीएस दोनों ने अपने सभी विधायकों को राज्य के बजट (वित्त विधेयक) को पारित कराने के लिए विधानसभा में उपस्थित रहने और 24 फरवरी को सत्र समाप्त होने तक अन्य विषयों पर चर्चा में भाग लेने के लिए व्हिप जारी किया है.
कांग्रेस प्रवक्ता रवि गौड़ा ने बताया, "बागियों को भी व्हिप जारी किया गया है, क्योंकि उनके इस्तीफे को अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया है."
व्हिप की अवहेलना करने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करेंः कांग्रेस
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने पहले ही अध्यक्ष को याचिका दी है कि जो विधायक व्हिप की अवहेलना करते हैं, उन्हें अयोग्य घोषित करें. हालांकि, बागियों ने दावा किया है कि अयोग्यता उन पर लागू नहीं होगी, क्योंकि वे अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और 6 जुलाई को राज्यपाल के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र सौंप चुके हैं.
अगर अध्यक्ष सभी 16 इस्तीफों को स्वीकार कर लेते हैं, तो विधानसभा की प्रभावी ताकत 225 से घटकर 209 हो जाएगी और सत्ताधारी गठबंधन 100 पर सिमट जाएगा. इस स्थिति में बहुमत का जादुई आंकड़ा 105 होगा.
वहीं, कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायकों के अलावा, केपीजेपी विधायक और निर्दलीय विधायक ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिसकी वजह से गठबंधन खतरे में पड़ गया है. दूसरी ओर, बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और वह सरकार बनाने के लिए तैयार है.
कुमारस्वामी विश्वास मत के लिए तैयार
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि वह विश्वास मत हासिल करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि उनकी जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन सरकार के पास सदन में पर्याप्त बहुमत है.
कुमारस्वामी ने कहा कि अगर बीजेपी चाहती है तो वह अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए भी तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने कन्नड़ भाषा में विधानसभा अध्यक्ष से कहा-
“मैं विश्वास मत या अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तारीख और समय को निर्धारित करना आप पर छोड़ता हूं.”
सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को दिया इस्तीफों पर फैसला लेने के लिए अतिरिक्त समय
बागियों की दलील पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए अध्यक्ष को निर्देश देते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वे विधायक के पद पर बने रहेंगे और अयोग्य नहीं ठहराए जाएंगे.
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस और जेडीएस ने भी अध्यक्ष को याचिका दी है कि वे उन 10 बागियों को अयोग्य घोषित करें, जो उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गए और उनकी विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं हुए.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस्तीफे पर फैसला करने के अपने गुरुवार के आदेश को संशोधित करते हुए अध्यक्ष को अतिरिक्त समय दिया.
(इनपुटः IANS)
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