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‘ओडिशा के मोदी’ प्रताप सारंगी के खिलाफ दर्ज हैं गंभीर मामले

ओडिशा में बजरंग दल के प्रमुख रह चुके हैं प्रताप चंद्र सारंगी

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ओडिशा के 'मोदी' के नाम से मशहूर प्रताप सारंगी ने जब 30 मई को मंत्री पद की शपथ ली तो पूरा समारोह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. इसके बाद सोशल मीडिया पर सारंगी को लेकर कई तरह की बातें शेयर की जानें लगीं, जिसमें उनकी जीवनशैली, रहन-सहन और सादगी की बातें की गईं. इसके अलावा उन्हें मोदी मंत्रिमंडल का सबसे कम संपत्ति वाला सदस्य भी बताया गया.

सारंगी के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उनके पास केवल 15,000 रुपये नकद हैं. उनकी चल संपत्ति 1.5 लाख रुपये और अचल संपत्ति कुल 15 लाख रुपये की है. इसके अलावा उनके हलफनामे के हवाले से कुछ और तथ्य भी सामने आए हैं.

सारंगी के हलफनामे से पता चलता है कि उनके खिलाफ सात आपराधिक मामले लंबित हैं. जिनमें दंगा करने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी जैसे मामले दर्ज हैं.

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सारंगी पर सात मामले लंबित

आरएसएस के सदस्य सारंगी पर 7 आपराधिक मामले लंबित हैं. लोकसभा चुनावों के लिए भरे गए हलफनामे में उन्होंने इस बात की जानकारी दी है. सारंगी पर धर्म के आधार पर नफरत फैलाने, जबरन वसूली, दंगा करने जैसे मामले दर्ज हैं. इनमें से ज्यादातर मामले तब दर्ज हुए, जब ओडिशा में बीजेपी-बीजेडी की सरकार थी.

1991 में, ओडिशा में ऑस्ट्रेलियन मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो बेटों को जिंदा जला दिया गया था. इसका आरोप बजरंग दल संगठन के लोगों पर लगा था, जिसके अध्यक्ष उस समय सारंगी थे.

जांच के दौरान, दक्षिणपंथी ग्रुप से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति दारा सिंह समेत 12 अन्य लोगों को 2003 में दोषी करार दिया गया था. सिंह को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे दो साल बाद ओडिशा हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था.

इस घटना के बाद सारंगी का इंटरव्यू लेने वाले ओडिशा के वरिष्ठ पत्रकार संदीप साहू ने क्विंट को बताया कि सारंगी ने बच्चों की हत्या करने की तो निंदा की थी, लेकिन स्टेन्स की हत्या करने पर सिंह को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की थी. स्टेन्स की मौत के बाद उन्होंने मिशनरी को रोकने की भी बात कही थी.

सारंगी को ओडिशा विधानसभा पर हमले के बाद भी गिरफ्तार किया गया था. मार्च 2002 में, सारंगी को दंगा कराने और सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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सांसद ने आरोपों को बताया झूठा

एनडीटीवी से बातचीत में सारंगी ने इन आरोपों को खारिज किया और स्टेन्स की हत्या केस में कोई लिंक होने से इनकार कर दिया.

ये सभी केस झूठे आरोपों पर आधारित हैं. पुलिस ने ऐसा जानबूझकर किया. मैंने इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी है और इसलिए मैं कई भ्रष्ट अधिकारियों का दुश्मन बन गया था. इसीलिए सभी एंटी-सोशल लोगों ने मेरे खिलाफ केस किए. कोर्ट में कई केस झूठे साबित हुए और बाकी भी जल्द ही होंगे.
प्रताप सारंगी, सांसद, बीजेपी
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सोशल मीडिया पर हैं प्रताप सारंगी के चर्चे

सात केसों के बावजूद, प्रताप सारंगी सोशल मीडिया हीरो हैं. मोदी सरकार में उनके मंत्री बनते ही सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल होने लगीं, जहां लोगों ने उनकी सिंपल लाइफस्टाइल से लेकर कामकाज तक की तारीफ की.

साहू ने कहा, 'उनके सिंपल रहन-सहन के कारण उनकी चरमपंथी विचारधारा को अनदेखा कर दिया जाता है. उन्हें एक आदर्श राजनेता के रूप में देखा जाता है, ऐसा व्यक्ति जिसने चीजों को त्याग दिया है, जो कि सच भी है. उन्हें साइकिल से अलग-अलग गांव जाकर लोगों से मिलते देखा जा सकता है. वो भुवनेश्वर में विधानसभा भी साइकिल से जाते हैं. '

सारंगी के समर्थक उनके सामाजिक कार्यों की सराहना करते नहीं थकते. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें दूसरे सांसदों के लिए उदाहरण बताया.

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