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विकास दुबे के गांव बिकरू में 25 साल बाद निष्पक्ष चुना गया प्रधान

बिकरू गांव पिछले साल तब सुर्खियों में आया जब वहां दुर्दांत विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी.

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राज्य
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उत्तर प्रदेश के कानपुर की चर्चित बिकरू ग्राम पंचायत में करीब 25 साल बाद कोई निष्पक्ष रूप से प्रधान बना है. यहां मधु ने 381 वोट हासिल कर प्रधान पद पर कब्जा जमाया है. उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बिंद कुमार को 54 वोटों से हराया. इसके पहले विकास दुबे की दहशत और प्रभाव के कारण 1995 से अभी तक कभी निष्पक्ष मतदान नहीं हुआ था. ज्ञात हो कि बिकरू गांव पिछले साल तब सुर्खियों में आया जब वहां दुर्दांत विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे और उसके 5 साथी ढेर हो गए थे.

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लंबे समय तक आतंक का पर्याय बने रहे विकास दुबे के अंत के बाद बिकरू ग्राम पंचायत में लगभग ढाई दशक बाद एक बार फिर लोकतंत्र बहाल हो गया. 25 साल बाद बिना किसी दबाव के चुनाव हुए. मतदान में गणना के बाद मधु ने जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया है. यहां मधु और प्रतिद्वंद्वी बिंदु कुमार के बीच कांटे की टक्कर रही. कड़े मुकाबले के बाद मधु ने जीत दर्ज की है.

जनता ने भी अपने-अपने प्रत्याशियों का खुलकर समर्थन किया. मुख्य मुकाबला मधु और बिंद कुमार के बीच रहा. नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान मधु का कहना है कि अभी तक गांव में जो भी हुआ उसे भुलाकर पूरी निष्ठा व निष्पक्षता के साथ गांव में विकास कार्य कराएंगी.

गौरतलब है कि 14 सौ वोटर वाली बिकरू ग्राम पंचायत इस बार आरक्षित सीट थी. जिस पर 10 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. ज्ञात हो कि विकास जिसे चाहता था, उसे निर्विरोध चुनाव जितवाता था. बिकरू ग्राम पंचायत में विकास दुबे के रहते किसी ने चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटाई. 1995 में विकास के प्रधान बनने के बाद ग्राम पंचायत विकास की विरासत सी बनकर रह गई थी.
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उसने जिसे चाहा, उसे प्रधान बनाया. 25 वर्षों के दौरान प्रधान कोई भी रहा हो लेकिन अधिकार सारे विकास दुबे के पास रहे.

असपास के गांव मे भी था विकास दुबे का डर

दूसरी ओर बिकरू गांव के ठीक बगल में भीठी ग्राम पंचायत में भी हमेशा से ही विकास की ही दखलंदाजी रही. यहां भी इस बार निष्पक्ष चुनाव में रीता देवी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी मीरा देवी को 157 वोटों से हराया. बकौल रीता गांव का विकास कराना ही उनकी प्राथमिकता होगी.

गौरतलब हो कि 25 साल पहले विकास दुबे यहां का प्रधान बना था. जिसके बाद से वहां पर निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सका. विकास बिकरू ही नहीं आसपास के इलाके में निर्विरोध प्रधान का चुनाव करा देता था. पिछली बार उसकी बहू अंजली दुबे बिकरू से ग्राम प्रधान थी. जबकि उसकी पत्नी रिचा दुबे घिमऊ से क्षेत्र जिला पंचायत सदस्य थी.

ग्रामीण इस बार निष्पक्ष चुनाव होने से काफी खुश हैं. बिकरू और आसपास के गांवों का आलम यह था कि कई युवाओं ने पहली बार यहां पंचायत चुनाव प्रचार देखा था. इतना ही नहीं प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रहे थे.

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