पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. पार्टी के फैसले के तुरंत बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को ‘थैंक्यू’ बोला है, साथ ही नीतीश कुमार को बिहार का सीएम बने रहने की ‘अग्रिम’ शुभकामना दी है.
पवन वर्मा ने भी पार्टी से निकाले जाने पर नीतीश कुमार को 'बधाई' दी है.
नीतीश कुमार अब छोटे राजनीतिक मकसद हासिल कर सकते हैं जैसे कि बिहार का मुख्यमंत्री बनना. और वो भी पार्टी के संविधान, उनके अपनी विचारधारा और बीजेपी की हरकतों को ध्यान में रखे बिना.पवन वर्मा, निष्कासित जेडीयू नेता
CAA, NRC, NPR पर कोई मतभेद नहीं: JDU
जेडीयू का कहना है कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा से सीएए, एनआरसी, एनपीआर पर कोई मतभेद नहीं था, उनपर अनुशासन की कार्रवाई की गई है. जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा, "पिछले कई दिनों से प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के बयान आपत्तिजनक थे, अनुशासन की कार्रवाई का हिस्सा थे. इसलिए पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है. CAA, NRC, NPR पर हमारे कोई मतभेद नहीं है. पार्टी के अध्यक्ष को 'गिरा हुआ व्यक्ति' कहना कोई भी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी."
प्रशांत किशोर को पार्टी से निकाले जाने से ठीक एक दिन पहले यानी 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर को जहां जाना है, वहां चले जाएं, लेकिन अगर पार्टी में रहना है तो पार्टी की लाइन पर ही रहना होगा.
इस दौरान नीतीश कुमार ने ये भी कहा था कि प्रशांत की जेडीयू में एंट्री अमित शाह के कहने पर हुई थी. नीतीश के इस बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा था,
आप इतने गिर जाएंगे कि मेरे JDU में शामिल होने को लेकर झूठ बोलेंगे... और अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यकीन करेगा कि आप अमित शाह की सिफारिश पर आए किसी शख्स की बात नहीं मान रहे.
बहरहाल, कुल मिलाकर बिहार की राजनीति के लिए इसका मतलब निकालें तो यही समझ आता है कि भले ही हाल फिलहाल चर्चा चली हो कि जेडीयू एक बार फिर गैर बीजेपी दलों के साथ जा सकती है लेकिन नीतीश के तेवर लगता है कि फिलहाल उनका बीजेपी से अलग होने का कोई इरादा नहीं है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)