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संसद भवन में धरने और हड़ताल पर पाबंदी-विपक्ष ने कहा-सबकी आवाज दबाना चाहती है BJP

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक आदेश की कॉपी को साझा कर लिखा है कि विश्वगुरु का नया काम- धरना मना है.

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संसद भवन (Parliament) में कुछ शब्दों पर पाबंदी लगने के बाद अब धरना प्रदर्शन करने पर भी रोक लगने की खबर सामने आई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक आदेश की कॉपी को साझा कर लिखा है कि विश्वगुरु का नया काम- धरना मना है.

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आदेश को शेयर करते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है. कांग्रेस वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा, बीजेपी वन पार्टी रूल चाहती है वहीं कोई दूसरा विकल्प न हो, कोई दूसरा विपक्षी दल न हो. बीजेपी सबकी आवाज दबाना चाहती है, बीजेपी विपक्ष में रहकर सभी वो काम किए हैं, जिनपर आज यह रोक लगा रही है.

राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा,

लोकतंत्र में संसद का दर्जा मंदिर की तरह होता है, वही हमारी अभिव्यक्ति की स्वंत्रता की रक्षा करता है, जब कोई संतुष्ट नहीं होता तो वह प्रदर्शन करता है, गांधी जी की प्रतिमा के नीचे भी हम धरना देते रहे हैं, यह लोकतंत्र का संविधानिक अधिकार है. अगर आज कोई इस अधिकार को छीनेगा तो गलत होगा, मेरा विनम्र निवेदन है इसपर विचार किया जाए.

वहीं इस फैसले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा-

अभी हम बैठेंगे दिल्ली में ,सभी राजनीतिक नेता फाइनल स्थिति क्या है क्या ऑर्डर है देखेंगे और फिर कहेंगे .

वहीं असंसदीय शब्दों को लेकर शरद पवार ने कहा कि स्पीकर साहब ने कहा इस लिस्ट पर रिशट्रिक्शन नहीं है. हम इस पर अमल नहीं करेंगे ऐसा स्टेटमेंट आज अखबार में आया है ,ठीक है देखेंगे सच क्या है .

शब्दों ंके बैन पर मनोज झा भड़के

सरकार की कैसी सोच है ये कैसा लोकतंत्र है, यहां तानाशाही नहीं बोल सकते, शकुनि मामा नहीं बोल सकते, लोकसभा स्पीकर साहब को इसे वापस लेना होगा, नहीं तो आजादी के 75वें साल पर आप लोकतंत्र के मिजाज को जमीदोज कर रहे हैं.
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क्या है आदेश?

आदेश के मुताबिक, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा. इसके साथ-साथ कोई धार्मिक कार्यक्रम भी वहां नहीं आयोजित हो सकेगा.

इससे पहले लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी एक लिस्ट पर विवाद अभी जारी है. इसमें कई शब्दों को असंसदीय शब्द बताकर उनपर पाबंदी लगा दी गई है, मतलब इनको लोकसभा और राज्यसभा में नहीं बोला जा सकेगा. इसमें जुमलाजीवी, तानाशाह, शकुनि, जयचंद, विनाश पुरुष, खून से खेती आदि को असंसदीय शब्द बताकर इनकी लंबी-चौड़ी लिस्ट तैयार की गई.

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