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ओम प्रकाश चौटाला किस केस में दोषी करार?हरियाणा-INLD की राजनीति पर क्या असर होगा?

हरियाणा में Om Prakash Chautala के 2005 में सत्ता गंवाने के बाद से INLD के राजनीतिक सितारें गर्दिश में क्यों हैं?

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इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) सुप्रीमो और हरियाणा में चार बार मुख्यमंत्री रह चुके ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार, 21 मई को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया. एक दशक से अधिक पुराने इस मामले में अदालत 26 मई को सजा सुनाई जायेगी. चलिए जानते हैं हरियाणा में सात बार विधायक और चार बार मुख्यमंत्री रह चुके ओम प्रकाश चौटाला आखिर किस केस में नपे हैं और इसका हरियाणा की राजनीति पर क्या असर हो सकता है.

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आय से अधिक 6.09 करोड़ की संपत्ति- 2010 से ही चल रहा केस

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 26 मार्च, 2010 को ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया था. CBI का आरोप था कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 के बीच विधायक या मुख्यमंत्री के रूप में काम करते हुए ओम प्रकाश चौटाला ने 6.09 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की थी, और यह उनके आय के ज्ञात स्रोतों से बाहर की संपत्ति थी.

हालांकि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत इसकी जांच ED ने शुरू की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि लोक सेवक के रूप में काम करते हुए ओम प्रकाश चौटाला ने जो धन बनाया वह अवैध था और इसकी मदद से उन्होंने संपत्ती खरीदी.

इसके बाद 2019 में, ED ने चौटाला की 3.68 करोड़ की संपत्ति को कुर्क/अटैच कर दिया. इसमें उनकी नई दिल्ली, पंचकुला और सिरसा में जमीन और फ्लैट शामिल था. जनवरी 2021 में स्पेशल जज विकास ढुल ने ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून, 2002 की धारा 4 के तहत आरोप तय किए.

साल 2010 से जब CBI ने मामले में चार्जशीट दायर की थी और ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ केस शुरू हुआ, तब से अदालत में कई सुनवाई हुई. आखिरकार 19 मई 2021 को, नई दिल्ली में राउज एवेन्यू अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें पूरी हुईं और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

इसके बाद अदालत ने शनिवार, 21 मई को मामले में सुनवाई फिर से शुरू की और चौटाला को अपराध का दोषी ठहराया. फैसला सुनाए जाने के समय ओम प्रकाश चौटाला भी अदालत में मौजूद थे. अब अदालत 26 मई को सजा सुनाएगी.

INLD के लिए राह अब और मुश्किल 

हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला के 2005 में सत्ता गंवाने के बाद से INLD के राजनीतिक सितारें गर्दिश में हैं. एक बार जब वह सत्ता से बाहर हुए, भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने चौटाला और उनके बेटों अजय और अभय के खिलाफ कई केस दर्ज किए.

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ओम प्रकाश चौटाला को 22 जनवरी 2013 को जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप में दोषी पाया गया था. उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में 7 साल और आपराधिक साजिश के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई गई थी. उसी जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में ओम प्रकाश चौटाला के अलावा उनके बड़े बेटे अजय चौटाला और 53 अन्य को भी कोर्ट ने दोषी ठहराया था.

ओम प्रकाश चौटाला पिछले साल ही 2 जुलाई को सजा पूरी करने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आये हैं कि एक बार फिर वो जेल जाने के मुहाने पर खड़े हैं. पिछली बार जब ओम प्रकाश चौटाला जेल में थे तो दोनों बेटों, अजय और अभय की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने INLD को दो भाग में तोड़ दिया था, अजय चौटाला ने अलग होकर जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली.

2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में, INLD पार्टी केवल 1 सीट- एलानाबाद जीत सकी, जहां से अभय चौटाला खुद चुनाव लड़े थे. इसके विपरीत JJP ने अपने पहले विधानसभा चुनावों में 10 सीटें जीतीं और बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना गयी.

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ओम प्रकाश चौटाला की गैरमौजूदगी और अभय चौटाला के नेतृत्व में INLD की हालत खस्ताहाल है. कभी सत्ता में रहने वाली पार्टी के पास आज हरियाणा विधानसभा में केवल 1 विधायक है. कद्दावर जाट नेता देवी लाल के बाद उनके बेटे ओम चौटाला ने तो जाट वोटों को सहेज के रखा लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में आज जाट वोट का बड़ा हिस्सा अब JJP के साथ जाता नजर आ रहा है.

INLD के साथ परेशानी यह भी है कि सिर्फ ओम प्रकाश चौटाला वापस जेल जाते नहीं दिख रहे बल्कि अभय चौटाला के खिलाफ अलग से आय से अधिक संपत्ति का मामला भी है, जहां जल्द ही फैसला आ सकता है. अगर अभय चौटाला को भी दोषी ठहराया जाता है, तो INLD से चौटाला परिवार बहुत दूर हो जायेगा.

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