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राष्ट्रपति चुनाव से पहले एकजुट होने की कवायद में विपक्ष

विपक्षी नेताओं ने एकसाथ आने का संकल्प लिया और कहा कि सत्ताधारी बीजेपी को रोकने के लिए ये ‘‘देश की जरूरत है.’’

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राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष के एक साथ आने की कोशिशें तेज हो गई हैं. दिवंगत समाजवादी नेता मधु लिमये की 95वीं जयंती पर विपक्ष के कई बड़े नेता एक मंच पर नजर आए. इसमें कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, सीपीएम महसचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी के नेता डीपी त्रिपाठी, जेडी (यू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और प्रधान महासचिव केसी त्यागी, सीपीआई नेता डी. राजा समेत कई दूसरे विपक्षी नेता दिखे.

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विपक्षी नेताओं ने एकसाथ आने का संकल्प लिया और कहा कि सत्ताधारी बीजेपी को रोकने के लिए ये ‘‘देश की जरुरत है.''

राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए उठी आवाजें

सीताराम येचुरी ने कहा कि राष्ट्रपति ऐसा व्यक्ति बने जो गणतंत्र की सुरक्षा कर सके.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में कई सवाल उठते हैं. एक सवाल ये है कि क्या नया व्यक्ति राष्ट्रपति पद की गरिमा को बनाए रखेगा. सवाल ये भी है कि क्या राष्ट्रपति भवन से देखरेख धर्मनिरपेक्ष होगी या सांप्रदायिक.
सीताराम येचुरी, सीपीएम महासचिव

उन्होंने ये भी कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रपति चुनने के लिए सिर्फ वामदलों को या समाजवादियों को ही आगे नहीं आना चाहिए बल्कि हर धर्मनिरपेक्ष दल को आगे आना चाहिए.

वहीं, जेडीयू नेता शरद यादव ने ऐसे ही विचार व्यक्त किए और कहा कि ‘‘देश बचाने के लिए'' नेताओं को हाथ मिलाना होगा. उन्होंने कहा कि आज संसद के बाहर भी विपक्ष को मजबूत होने की जरूरत है. यादव ने बीजेपी पर लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी लोगों से किए वादे पूरे करने के अलावा सब कुछ कर रही है.

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