पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पार्टी को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत कराने की अनुमति देने का चुनाव आयोग को आदेश दिया है.
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात- उद- दावा प्रमुख की“ संभावित गिरफ्तारी” पर लगे स्थगन को चार अप्रैल तक बढ़ा दिया था.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग( ईसीपी) ने सईद के राजनीतिक मोर्चे मिल्ली मुस्लिम लीग( एमएमएल) को एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकृत करने के आवेदन को खारिज किए जाने के फैसले को रद्द कर दिया.
जस्टिस आमिर फारूक ने पार्टी को सुनवाई का मौका देकर मामले को फिर से चुनाव आयोग को भेजा और आवेदन पर आगे की कार्रवाई करने को कहा है.
एमएमएल ने अपने अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद के जरिए अदालत का रुख किया और चुनाव आयोग और गृह सचिव को मामले में प्रतिवादी बनाया. डॉन अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चुनाव आयोग के11 अक्बूटर, 2017 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका ने इसे अकारण, गैर- कानूनी और संविधान और कानून के खिलाफ बताया.
याचिका में कहा गया है कि,
“ संविधान का अनुच्छेद17 (2) प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार देता है, जो पाकिस्तान की सेवा में नहीं है कि वह एक राजनीतिक पार्टी का गठन कर सकता है या उसका सदस्य बन सकता है बशर्ते पाकिस्तान की एकता और अखंडता के हित में कानून ने उसपर कोई तार्किक प्रतिबंध न लगा हो.”
खालिद ने अदालत से फैसले को रद्द करने और चुनाव आयोग को कानून के अनुरूप फिर से दस्तावेजों की छंटनी करने और पार्टी को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया.
हाफिज सईद को माना था आतंकी
कुछ ही दिन पहले हाफिज सईद आतंकवादी लिस्ट में शामिल किया गया था. दरअसल पाक के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की तरफ से प्रतिबंधित लोगों और लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों पर लगाम लगाना है. इस लिस्ट में हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा भी शामिल है. यानी अब पाकिस्तान की नजरों में हाफिज सईद भी एक आतंकवादी है.
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