वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर (Prakash Ambedkar) ने विपक्षी दलों के गठबंधन- भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है. प्रकाश अंबेडकर ने द क्विंट को टेलीफोन पर बताया, "अगर हमें आमंत्रित किया गया तो हम INDIA गठबंधन में शामिल होंगे."
बीजेपी को हराने के लिए अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, अंबेडकर ने कहा, "हम बीजेपी और दक्षिणपंथी ताकतों को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उस उद्देश्य के लिए, हम INDIA गठबंधन के साथ जुड़ने के इच्छुक हैं."
हालांकि, अंबेडकर ने कहा कि कांग्रेस या महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन का हिस्सा किसी भी अन्य पार्टी, यानी शिव सेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से कोई निमंत्रण नहीं मिला है.
19 अगस्त को, अंबेडकर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "ना कबूतर, ना फोन. कुछ नहीं आया... यह कांग्रेस की पेटेंट कार्यप्रणाली है. बिना पत्राचार किए वे लोगों को बताते रहते हैं कि ऐसा हुआ था."
वंचित बहुजन अघाड़ी क्यों मायने रखती है?
2019 के लोकसभा चुनाव में VBA ने असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. VBA ने 47 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि AIMIM ने औरंगाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. गठबंधन ने पूरे महाराष्ट्र में 7.65% वोट शेयर हासिल किया और 1 सीट जीतने में कामयाब रहा- औरंगाबाद से AIMIM के उम्मीदवार इम्तियाज जलील सांसद चुनकर आए.
अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि कम से कम सात सीटों पर VBA को मिले वोट यूपीए पर एनडीए की जीत के अंतर से अधिक थे. ये सीटें थीं: बुलढाणा, गढ़चिरौली-चिमूर, नांदेड़, परभणी, सोलापुर, सांगली और हातकांगले.
VBA उस चुनाव में दलित, मुस्लिम और आदिवासी मतदाताओं के एक बड़े हिस्से को जीतने में कामयाब रही और उसे इन वर्गों का कुछ समर्थन प्राप्त है.
लेकिन इसके तुरंत बाद VBA और AIMIM गठबंधन टूट गया. VBA ने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा और 4.6 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया.
एमवीए की ओर से VBA को साथ लाने में अनिच्छा क्यों है?
इस साल की शुरुआत में, शिवसेना यूबीटी और VBA ने गठबंधन बनाने पर चर्चा की थी. अभी हाल ही में शिवसेना यूबीटी विधायक और अकोला जिला अध्यक्ष नितिन देशमुख ने बयान देते हुए कहा था, ''हमें प्रकाश अंबेडकर को अकोला से विजयी बनाना चाहिए.''
जाहिर तौर पर दिक्कत कांग्रेस और एनसीपी के साथ ज्यादा है.
एनसीपी और VBA एक-दूसरे के आलोचक रहे हैं. यह एक हद तक इस तथ्य से जुड़ा है कि एनसीपी का शक्तिशाली मराठा समुदाय के बीच एक मजबूत आधार है और VBA मुख्य रूप से उत्पीड़ित समुदायों के हितों के लिए खड़ा है.
हालांकि, VBA के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि विचारधारा और आधार मुख्य समस्या नहीं हो सकती है क्योंकि यूपीए में विदुथलाई चिरुथिगल काची शामिल है, जो भारत के दलित पैंथर्स से प्रेरित है.
VBA के एक पदाधिकारी ने द क्विंट को बताया, "प्रकाश अंबेडकर और शरद पवार सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के आलोचक रहे हैं. यह सब जानते हैं. लेकिन वे दोनों परिपक्व राजनेता हैं और एक बड़े उद्देश्य के लिए मिलकर काम कर सकते हैं." उन्होंने आगे कहा कि मुख्य बाधा वास्तव में कांग्रेस के अंदर से हो सकती है.
VBA के सूत्रों का कहना है कि प्रकाश अंबेडकर का राज्य में अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट जैसे कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ अच्छा समीकरण है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के एक नेता ने द क्विंट को बताया कि VBA के साथ गठबंधन 'निश्चित रूप से विचाराधीन है' लेकिन अंतिम फैसला 'केंद्रीय नेतृत्व' करेगा, मुख्य रूप से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे.
कर्नाटक चुनावों के दौरान, खड़गे ने बीजेपी के खिलाफ समर्थन के लिए कई दलित-बहुजन समूहों तक पहुंचने में व्यक्तिगत पहल की थी. सर्वे के अनुसार, कांग्रेस राज्य में लगभग दो-तिहाई दलित वोट हासिल करने में सफल रही थी.
जैसे-जैसे 31 अगस्त को मुंबई में INDIA गठबंधन की अगली बैठक नजदीक आ रही है, एमवीए में नए सदस्यों के शामिल होने की अटकलें बढ़ने की संभावना है.
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