ADVERTISEMENTREMOVE AD

Prashant Kishor की राजनीति पार्टी बनाने पर नीतीश की चुप्पी, बोले- हमारा लेना देना नहीं

प्रशांत किशोर ने 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए रणनीति भी बनाई थी.

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) के बिहार में फिर से राजनीति करने की संभावनाओं के बीच राज्य की सियासत गर्म हो गई है। इस बीच हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को लेकर चुप्पी साध ली है। इस संबंध में मंगलवार को जब मुख्यमंत्री से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि छोड़िए इन बातों को।

प्रशांत किशोर अब तक दूसरे राजनीतिक दलों के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभाते रहे हैं, लेकिन सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट कर संकेत दिए हैं कि वे अब बिहार की सियासत में खुद उतरेंगे।

मंगलवार को जब नीतीश कुमार ईद के मौके पर पटना के गांधी मैदान पहुंच कर सभी को ईद की बधाई दे रहे थे तब पत्रकारों ने पीके को लेकर सवाल किया।

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पूछे गए प्रश्न के जवाब में पहले कहा कि छोड़िए इन बातों को। इसके बाद उन्होंने कहा कि इन बातों से हमारा कोई लेना-देना नहीं। इन बातों से कोई मतलब नहीं।

उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी नजदीकी माने जाते रहे हैं। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जदयू के लिए रणनीति भी बनाई थी। बाद में उन्हें जदयू का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था।

गौरतलब है कि पीके ने सोमवार ट्वीट कर नई घोषणा की और यह संकेत दिया कि वे दोबारा अपने गृह राज्य बिहार की जनता से मुखातिब होंगे। जहां उनका सियासी आधार हो सकता है।

प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, लोकतंत्र में प्रभावशाली योगदान देने की उनकी भूख और लोगों के प्रति कार्य नीति तैयार करने में मदद करने का सफर काफी उतार चढ़ाव वाला रहा है। अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है। शुरूआत बिहार से।

--आईएएनएस

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×