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राष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष की बैठक में किसी भी नाम पर चर्चा नहीं

जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं लिया

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एनडीए सरकार के 3 साल पूरा होने और राष्ट्रपति चुनावों को लेकर विपक्ष ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की हैं.

शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद और बीएसपी अध्यक्ष मायावती समेत 17 गैर-एनडीए पार्टियों ने हिस्सा लिया.

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हालांकि, बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि किसी भी नाम पर अभी चर्चा नहीं हुई है.

खास बात ये है कि एक दूसरे की विरोधी माने जाने वाली कई क्षेत्रीय पार्टियां भी एक साथ इस बैठक का हिस्सा बनीं. एक तरफ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती की मौजूदगी तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और वाम दलों के बड़े नेताओं का बैठक में एकसाथ शामिल होना विपक्ष के लिए खास माना जा रहा है.

नीतीश नहीं हुए शामिल, केजरीवाल को नहीं बुलाया

बैठक में जेडीयू के अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं लिया, जेडीयू की तरफ से शरद यादव शामिल हुए. वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को इस बैठक का न्योता ही नहीं दिया गया था.

बैठक में शामिल हुई ये पार्टियां

देशभर में मजबूत विपक्ष बनाने की सोनिया गांधी की इस कवायद में 17 पार्टियां शामिल हुई. इनमें टीएमसी, जेडीयू, एनसीपी, एसपी, बीएसपी, डीएमके, आरजेडी, जेएमएम, एनसी, सीपीआई जैसी पार्टियां शामिल हैं.

वहीं नेताओं की बात करें तो कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अहमद पटेल, गुलाम नबीं आजाद शामिल हुए.

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला, सीपीआई से सीताराम येचुरी, एनसीपी से शरद पवार जैसे बड़े नेताओं ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया.

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बता दें कि कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में लगातार जुटी हुई है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के आम सहमति वाले उम्मीदवार के तौर पर कई नामों पर चर्चा चल रही है.

इनमें पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार और आरसीपी प्रमुख शरद पवार शामिल हैं. पवार ने इस दौड़ से स्वयं को अलग रखने की पहले ही घोषणा कर दी थी.

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