इलेक्टोरल बॉन्ड पर अब विपक्ष जाग उठा है और बीजेपी को घेरने की कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा. इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर हमला जारी रखते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाया. उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बॉन्ड बेचने की इजाजत दी थी? प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के अन्य नेताओं की तरह इलेक्टोरल बॉन्ड पर हुए खुलासों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला.
प्रियंका ने एक बार फिर ट्विटर का सहारा लेते हुए अपनी बात कही. उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीटों में कहा,
“चुनावी बॉन्ड के जरिये दान के मामले में एक रिपोर्ट से चार खुलासे हुए हैं. कल, बीजेपी सरकार के मंत्री ने प्रेस के सामने एक मुड़ा-तुड़ा कागज पढ़ा था! लेकिन इन सवालों के जवाब कहां हैं?”
क्या पीएम ने दी थी इजाजत?
प्रियंका गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस की पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "क्या यह सच है कि आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) और निर्वाचन आयोग ने आपत्ति की थी? रिपोर्ट में लिखा है कि प्रधानमंत्री ने अवैध तरीके से कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बॉन्ड बेचने की इजाजत दी थी, क्या यह सच है? और सरकार ने झूठ कहा कि दाता कि पहचान गुप्त रखी गई?"
इकबाल मिर्ची को लेकर घिरी बीजेपी
बता दें कि कांग्रेस अब जोर-शोर से कई मुद्दों को लेकर बीजेपी पर हमलावर है. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और सवाल उठाया कि बीजेपी ने उस व्यक्ति से दान क्यों लिया जिस पर दाऊद इब्राहिम के गुर्गे इकबाल मिर्ची की संपत्ति खरीदने का आरोप है.
एक दिन पहले, कांग्रेस सांसदों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे को बड़ा घोटाला करार देते हुए संसद में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया था. वे हाथ में तख्तियां लिए हुए थे, जिस पर लिखा था- "6,000 करोड़ रुपये की डकैती." पार्टी ने यह मुद्दा राज्यसभा में भी उठाया. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे को फिर लोकसभा में उठाएंगे.
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