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वाराणसी से चुनाव लड़ने को प्रियंका तैयार,राहुल की ‘हां’ का इंतजार 

प्रियंका ने रविवार को कहा कि अगर उनके भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल कहेंगे तो वो वाराणसी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को कहा कि अगर उनके भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कहेंगे तो वो वाराणसी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं. केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में अपने भाई के समर्थन में प्रचार के लिए दो दिवसीय दौरे पर आईं प्रियंका ने यहां से रवाना होने से पहले ये बात कही.

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अगर राहुल गांधी कहेंगे तो मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं और मैं वाराणसी से लड़ूंगी.
प्रियंका गांधी, महासचिव, कांग्रेस
प्रियंका  ने रविवार को कहा कि अगर उनके भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल कहेंगे तो वो वाराणसी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं
प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव बनाया गया है
(फोटो: PTI)

वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं. जब से प्रियंका गांधी ने पूर्वी यूपी की कमान संभाली है, कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरफ से उन्हें लगातार वाराणसी से चुनाव लड़ाने की मांग हो रही है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर वो वाराणसी से चुनाव लड़ती हैं तो नरेंद्र मोदी को कड़ी टक्कर मिल सकती है.

2014 में नरेंद्र मोदी को मिली थी बड़ी जीत

प्रियंका  ने रविवार को कहा कि अगर उनके भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल कहेंगे तो वो वाराणसी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं
2014 में नरेंद्र मोदी को मिली थी बड़ी जीत
(फोटो: पीटीआई)

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को कुल 581,022 वोट मिले थे. वहीं एसपी, बीएसपी और कांग्रेस को 390,722 वोट मिले थे. अगर प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ती हैं और पिछले नतीजों को ही आधार बनाए और जातीय समीकरण में थोड़ी भी लचक आयी तो बाजी पलट सकती है. बनारस में सबसे अधिक बनिया 3.25 लाख है, जो वैसे तो बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं लेकिन नोटबंदी और जीएसटी से ये भनभनाया हुए दिख रहे हैं.

प्रियंका  ने रविवार को कहा कि अगर उनके भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल कहेंगे तो वो वाराणसी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं
बनारस में सबसे अधिक बनिया 3.25 लाख है, जो वैसे तो बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं लेकिन नोटबंदी और जीएसटी से ये भनभनाया हुए दिख रहे हैं.
(फोटो: पीटीआई)

ब्राह्मणों का संख्या भी ढाई लाख है. ये भी एससी-एसटी और राममंदिर को लेकर बहुत खुश नहीं हैं, साथ ही हमें नहीं भूलना चाहिए कि ये कभी कांग्रेस के मूल वोटर थे. इसके बाद बड़ा वोट बैंक मुस्लिमों का है जिनकी संख्या तीन लाख के आसपास है. माना जाता है कि ये वर्ग उसी को वोट करता है जो बीजेपी को टक्कर दे रहा हो और इनका वोटिंग परसेंटेज भी सबसे हाई होता है, जो चुनाव पर अच्छा-खासा असर डालता है.

ये भी पढ़ें: बनारस में अमेठी-रायबरेली जैसे हालात बने तो मोदी के लिए चुनौती!

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