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रफाल डील से घोटाले की बू आ रही है: कांग्रेस

कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर रफाल लड़ाकू विमान डील कर, राष्ट्रीय हित और सुरक्षा के साथ सौदा करने का आरोप लगाया

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कांग्रेस ने मंगलवार को एनडीए सरकार पर रफाल लड़ाकू विमान डील कर, राष्ट्रीय हित और सुरक्षा के साथ सौदा करने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने कहा कि इस डील से घोटाले की बू आ रही है, क्योंकि डील के लिए बातचीत में कोई पारदर्शिता नहीं है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे को लेकर ट्वीट के जरिये सरकार पर हमला बोला.

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उन्होंने कहा-

टॉप सिक्रेट

(वितरण के लिए नहीं)

रक्षा मंत्री कहती हैं कि हर रफाल विमान के लिए प्रधानमंत्री और उनके 'भरोसेमंद' दोस्त के बीच हुई बातचीत एक स्टेट सिक्रेट है.

एक्शन प्वाइंट

1. मूल्य के बारे में संसद को सूचित करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा.

2. जो भी पूछे, उसे एंटी नेशनल घोषित कर दो.

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस ट्वीट पर हैशटैग दिया- #TheGreatRafaleMystery

सरकार संसद में भी खुलासा नहीं करना चाहती: आजाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार रफाल विमान की कीमत का खुलासा संसद में भी नहीं करना चाहती. इससे केंद्र सरकार की मंशा पर संदेह होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के माफ नहीं किए जाने वाले खेल में लगी है. भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू विमान की खरीद में बड़े घोटाले की बू आ रही है.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा‘‘ बड़ी आशंकाएं हैं और सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान होने की बात सार्वजनिक स्तर पर मालूम है लेकिन सरकार सच्चाई बताने से इनकार कर रही है.

पीएम को जवाब देना चाहिए: कांग्रेस

आजाद ने कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और पार्टी प्रवक्ता राजीव गौड़ा की मौजूदगी में कहा कि समय आ गया है जब पीएम को रफाल सौदे पर सवालों के जवाब देने चाहिए. उन्होंने कहा कि इस सौदे पर सरकार ने पूरी और सोची समझी चुप्पी साध रखी है. आजाद ने कहा कि सरकार को उन 36 लड़ाकू विमानों की कीमत का खुलासा करना चाहिए जिनकी प्रधानमंत्री ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान तय की गई कीमतों की अनदेखी कर खरीद की.

NDA सरकार में कीमतें बढ़ गईं: कांग्रेस

उन्होंने उपलब्ध सूचना के आधार पर दावा करते हुए कहा कि NDA के शासन काल में हर विमान की कीमत 1570.8 करोड़ रूपये है जबकि UPA के समय में इस विमान के लिए 526.1 करोड़ रूपये पर सहमति बनी थी. उन्होंने कहा ‘‘ ये विमान इसी कंपनी ने कतर को 694.8 करोड़ रूपये में बेचा गया तो ये 100 फीसदी अधिक दाम पर भारत को क्यों बेचा गया ?''

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अनिवार्य रक्षा खरीद प्रक्रिया की अनदेखी कर 36 विमान खरीदने का फैसला एकपक्षीय ढंग से कैसे कर लिया जबकि उस समय फ्रांस के साथ कोई अंतर सरकारी समझौता नहीं था.

क्या है रफाल डील

भारत 7.8 अरब डॉलर में 36 रफाल फाइटर जेट खरीदेगा. पहला विमान सितंबर 2019 तक मिलने की उम्मीद है. फ्रांस के रफाल लड़ाकू विमानों को दुनिया के बेहतरीन विमानों में एक माना जाता है.

(इनपुट: भाषा)

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