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कांग्रेस को अब राजस्थान में झटका, CM गहलोत के करीबी MLA गणेश घोघरा का इस्तीफा

MLA Ganesh Ghogra ने इस्तीफे में लिखा कि जब वह आम लोगों की समस्याओं को उठाते हैं तो प्रशासन उनकी "सुनता नहीं है".

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कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है. पंजाब में सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar), गुजरात में हार्दिक पटेल (Hardik Patel) जैसे बड़े नामों के पार्टी छोड़ने के बाद अब CM अशोक गहलोत के समर्थक माने जाने वाले राजस्थान कांग्रेस के विधायक गणेश घोघरा (Ganesh Ghogra) ने इस्तीफा दे दिया है. डूंगरपुर विधानसभा सीट से विधायक और राज्य में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि सत्ताधारी दल के विधायक होने के बावजूद उनकी अनदेखी की जा रही है.

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राजस्थान के स्पीकर, मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफा पत्र में कहा है कि जब वह आम लोगों की समस्याओं को उठाते हैं तो प्रशासन उनकी "सुनता नहीं है".

खुद के खिलाफ FIR दर्ज होने से नाराज हैं कांग्रेस विधायक 

पार्टी में युवाओं को जोड़ने को लेकर उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर संपन्न हुए अभी 2 दिन ही बीते हैं कि कांग्रेस में युवाओं को जोड़ने की मुहिम को राजस्थान में झटका लगा है.

दरअसल विधायक गणेश घोघरा ने मंगलवार, 17 मई को शिविर के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता की समस्याओं का समाधान अधिकारियों द्वारा नहीं करनी से नाराज होकर आक्रोशित होकर एसडीएम मणिलाल को बंधक बना दिया था.

इसके बाद तहसीलदार ने सदर थाने में विधायक सहित 50 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. यह एफआईआर दर्ज भी हो गई है.

"स्थानीय अधिकारी भी मेरी बात को सुनने को तैयार नहीं हैं"

घोघरा ने अपने इस्तीफे में विधायक ने अधिकारियों के साथ-साथ सरकार पर भी उनकी बातों को अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

इस्तीफे में लिखा है कि "मैं डूंगरपुर जिला के विधानसभा क्षेत्र डूंगरपुर का विधायक हूं. साथ ही मुझे कांग्रेस आलाकमान के द्वारा प्रदेश का यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई है."

"खेद के साथ सूचित किया जाता है कि मैं सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक हूं परंतु मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान सरकार के द्वारा में उक्त पदों पर पद आसीन होने के बावजूद मेरी बात को अनदेखा किया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन पर आसीन अधिकारीगण भी मेरी बात को सुनने को तैयार नहीं हैं. अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याओं की आवाज उठाने पर मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है"

कांग्रेस विधायक का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

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