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गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ीं,क्या है राजस्थान में सीटों का गणित?

महामारी के बीच गहलोक सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं

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मध्य प्रदेश में सरकार और बड़ा नेता गंवा चुकी कांग्रेस के लिए राजस्थान से भी परेशान कर देने वाली खबरें आ रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपने करीब 10 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे हैं. पायलट का दिल्ली पहुंचने पर इसलिए भी ज्यादा चर्चा है क्योंकि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने के आरोप लगाए हैं.

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गहलोत ने कहा है कि हम सब साथ मिलकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं पर BJP ने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं. एक तरफ हम जीवन और आजीविका बचाने में लगे हैं और दूसरी तरफ ये सरकार गिराने में लगे हैं. ये लोग सरकार कैसे गिरे कैसे खरीद फरोख्त करें इस काम में लगे हुए हैं.

महामारी के बीच गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बहुमत में सरकार चला रही कांग्रेस को डर है कि उसके विधायक बीजेपी में न शामिल हो जाएं. राजस्थान में बीजेपी को बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए 28 विधायकों की जरूरत है. अभी किस पार्टी के पास कितने सीटें हैं, देखिए पूरा ब्यौरा.

राजस्थान में किसे-कितनी सीटें?

2018 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से 199 सीटों पर चुनाव हुआ था.

  • कांग्रेस के खाते में 99 सीटें आईं थीं. वहीं उसकी सहयोगी आरएलडी को एक सीट पर जीत मिली थी.
  • 73 सीटों के साथ बीजेपी दूसरी सबसे बड़े पार्टी बनी थी. वहीं, 13 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था. बीएसपी के 6 उम्मीदवार जीते थे. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 सीटें मिलीं थीं. सीपीआई (एम) और भारतीय ट्राइबल पार्टी के हिस्से 2-2 सीटें आई थीं.
  • बाद में बीएसपी के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस ने बीजेपी से मंडवाना का उपचुनाव भी जीत लिया. इस तरह उसके 107 विधायक हो गए. वहीं बीजेपी की एक सीट कम हो गई.

अभी क्या है विधानसभा का हाल?

  • कांग्रेस- 107
  • बीजेपी - 72
  • निर्दलीय - 13
  • राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी - 3
  • सीपीआई (एम) - 2
  • भारतीय ट्राइबल पार्टी - 2
  • राष्ट्रीय लोक दल - 1

आरएलडी ने कांग्रेस को समर्थन दिया था. वहीं, बीएसपी से जीतकर आए सभी 6 उम्मीदवारों ने 2019 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. बीएसपी कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे रही थी, लेकिन सितंबर 2019 में लखन सिंह मीणा, संदीप यादव, वाजिब अली समेत सभी 6 उम्मीदवार कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं, अक्टूबर में मंडवाना सीट जीतने के बाद कांग्रेस के पास राज्य में कुल 107 सीटें हो गई थीं.

क्यों डर में है कांग्रेस?

मार्च में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. सिंधिया और विधायकों के जाने से कमलनाथ सरकार खतरे में आ गई थी. फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

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