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अशोक गहलोत के मंत्री का 'अफसरशाही दर्द', कहा- मुझे जलालत भरे पद से करें मुक्त

राजस्थान के खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने मुख्यमंत्री गहलोत को अपने इस्तीफे की पेशकश की है.

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राजस्थान (Rajasthan) में अफसरशाही के रवैये से आहत अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के मंत्री और विधायकों ने खुले में नाराजगी जाहिर करना शुरु कर दिया है. गहलोत मंत्रिपरिषद के सदस्य खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना (Minister Ashok Chandna) ने गुरुवार रात को ट्वीटर पर मुख्यमंत्री को अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी.

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खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने लिखा कि मेरे सारे विभाग लेकर मुझे इस जलालत भरे पद से मुक्त कर दें. मेरे सारे विभागों का चार्ज कुलदीप रांका मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को दे दिया जाए. वैसे भी मेरे विभाग के मंत्री कुलदीप राका हैं.

चांदना के इस्तीफे की पेशकश के बाद राजस्थान की सियासत में भूचाल आना तय माना जा रहा है. मामले में चांदना के निकटतम सूत्रों का कहना है कि मंत्री, विभागों में खुद की उपेक्षा से नाराज हैं. उनके पास न तो खेल से संबंधी किसी फाइल को भेजा जाता है और ना ही किसी अन्य विभाग की.

अफसरों के रवैये से नाराज घोघरा गहलोत को भेज चुके हैं इस्तीफा

बता दें, चांदना से पहले डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा भी अफसरों के रवैये से नाराज होकर अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेज चुके हैं. सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने दो दिन पहले ही गृह विभाग और राजस्व विभाग के अफसरों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है. सीएम के सलाहकार का दो विभागों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करना भी ब्यूरोक्रेसी पर निशाना है.

विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने के अगले ही दिन ही प्रियंका गांधी के निकट माने जाने वाले बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर ने ट्वीट कर ब्यूरोक्रेसी पर निशाना साधा था.

अधिकारी कभी किसी सरकार के नहीं होते हैंः धीरज गुर्जर

धीरज गुजर्र ने लिखा था कि अधिकारी कभी किसी सरकार के नहीं होते. वो सत्ता के और खुद के होते हैं. जब अपनी कुर्सी को बचाकर रखने के लिए विपक्षी दलों से हाथ मिला लेते हैं तब वो सरकार की कब्र खोद रहे होते हैं. समय पर इनकी पहचान न करने से किसी भी सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं.

अफसरशाही के खिलाफ पहले से मोर्चा खोल रखे हैं बिधूड़ी

उधर, बेगूं से कांग्रेस विधायक राजेंद्र बिधूड़ी ने अफसरशाही के खिलाफ लंबे समय से मोर्चा खोल रखा है. बिधूड़ी सार्वजनिक रूप से अफसरों पर आरोप लगाते रहे हैं. इस मामले पर बिधूड़ी ने कहा कि कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है. कांग्रेस कार्यकर्ता की थानेदार नहीं सुनता. उन्होंने कहा कि अफसरों के रवैये को लेकर कांग्रेस विधायक और नेताओं ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन को दिल्ली तक जाकर शिकायत भी की है.

इनपुट -पंकज सोनी

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