रामपुर (Rampur) सुनते ही दो नाम सबसे पहले दिमाग में आता है. रामपुर की छूरी और आजम खान. छूरी की धार का तो पता नहीं लेकिन फिलहाल हेट स्पीच मामले में अदालत ने आजम खान की राजनीतिक धार कम कर दी है. अदालत ने आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई और उनकी विधायकी चली गई. अब विधायकी गई तो रामपुर सीट पर दोबारा चुनाव हो रहे हैं.
एक बार फिर बीजेपी और समाजवादी पार्टी या कहें आजम खान आमने-सामने हैं. आजम खान ने अपनी जगह समाजवादी पार्टी की टिकट पर अपने करीबी आसिम रजा को चुनावी रण में उतारा है.
वहीं बीजेपी (BJP) ने उत्तर प्रदेश की चर्चित सीट रामपुर से आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है. आकाश सक्सेना वहीं हैं, जिन्होंने आजम खान के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराया था. यहां तक कि पिछले चुनाव में भी वहीं बीजेपी के उम्मीदवार थे और हार भी गए थे, लेकिन फिर भी बीजेपी ने उनको ही मैदान में उतारा है.
ये पहली बार नहीं है जब आजम खान ने आसिम पर अपना दांव लगाया है. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भी आसिम रजा को ही समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
आजम खान का गढ़ रहा है रामपुर
रामपुर आजम खान का गढ़ रहा है, वो 10 बार वहां से विधायक चुने गए. यहां तक कि पिछला चुनाव तो जेल में रहते हुए आजम खान ने 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीता था. ऐसे में इस सीट को जीतना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है, शायद इसलिए बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए आकाश सक्सेना को फिर मैदान में उतारा है, क्योंकि सालों से वो आजम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे.
आकाश को पिछले चुनाव में मिली थी हार
इसी साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में आजम खान को 1,31,225 वोट मिले थे, यानी करीब 59.71 फीसदी वोट. और आकाश सक्सेना को 76,084 वोट मिले थे. यानी आजम के खिलाफ कई एफआईआर करने वाले आकाश सक्सेना को आजम खान ने 55 हजार 141 वोटों से हराया था. आजम खान के परिवार पर 300 से ज्यादा मुकदमे हुए, देश के गृहमंत्री अमित शाह खुद प्रचार के दौरान आजम खान पर बरसते रहते, लेकिन बीजेपी की तमाम किलेबंदी के बावजूद आजम खान को रामपुर में नहीं हरा पाए. रामपुर जिले की पांच विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने बंपर जीत दर्ज की थी.
आजम के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पत्नी को मिला था टिकट
2017 के चुनाव में भी आजम खान ने बीजेपी उम्मीदवार शिव बहादुर सक्सेना को बड़े अंतर से हराया था. आजम खान को एक लाख ज्यादा वोट मिले थे, जबकि शिव बहादुर सक्सेना 55258 वोट हासिल कर पाए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उन्हें लोकसभा के लिए चुनाव में उतारा और वो जीत गए, जिसके बाद रामपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव कराया गया. उपचुनाव में आजम खान की की पत्नी तंजीन फातिमा जीतकर विधानसभा पहुंचीं. फातिमा ने बीजेपी के प्रत्याशी भारत भूषण गुप्ता को हराया था.
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