इकनॉमी की सुस्ती को लेकर हो रही चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने 23 अगस्त को कई बड़े ऐलान किए. ये ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किए. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में निवेशकों को राहत देने से लेकर बैंकों में पूंजी की कमी दूर करने तक के लिए कई घोषणाएं की गईं. सरकार की इन घोषणाओं पर विपक्षी दल और कारोबारियों के साथ-साथ आम लोगों की भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
सीतारमण ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान किया. इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा- सरकार के बजट में राजकोषीय घाटा पहले ही बहुत ज्यादा है, ऐसे में राजकोषीय स्थिति क्या होगी? क्या मिडिल क्लास के करदाता इस सब का भुगतान करेंगे? क्या सरकार पिछले पुनर्पूंजीकरण के रिजल्ट शेयर करेगी?
वित्त मंत्री का कहना है कि वैश्विक परिस्थिति के चलते भारत की अर्थव्यवस्था डाउन है, उन्होंने अपनी सुविधा के मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी के विनाशकारी नतीजों को अनदेखा कर दिया. वह शायद यह भी भूल गई हैं कि 2008 की वैश्विक मंदी के वक्त मनमोहन सिंह की नीतियों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर रही थी.कांग्रेस
इसके अलावा कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मामले पर ट्वीट किया है.
सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था, नीतियों पर पुनर्विचार करने की इच्छाशक्ति ताकत दर्शाती है, ना कि कमजोरी. मैं उम्मीद करता हूं कि निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस से सरकार और बिजनेस के बीच संवाद कायम करने वाले और एक-दूसरे पर निर्भर रिश्ते की शुरुआत होगी. ”
वित्त मंत्री ने 23 अगस्त को कहा, ''कारोबारियों के लिए GST रिफंड आसान होगा. सभी GST रिफंड 30 दिन में कर दिए जाएंगे. आगे के सभी GST रिफंड केस 60 दिन में निपटाए जाएंगे.''
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