डिप्टी CM और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्विटर पर अपना दर्द बयां किया है. सचिन ने सिर्फ एक लाइन में लिखा है- सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं. पिछले कई दिनों से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत की सजा सचिन पायलट को दी गई है.
सचिन पायलट को हटाए जाने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा -
आखिरकार मजबूरी में हाई कमांड को फैसला करना पड़ा, क्योंकि काफी समय से बीजेपी षड़यंत्र कर रही थी. हम जानते थे कि ये षड़यंत्र बहुत बड़ा है होर्स ट्रडिंग हो रही है. ये स्थिति उसी वजह से पैदा हुई है. हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एक षडयंत्र के तहत राजस्थान की जनता के सम्मान को चुनौती दी है. सचिन पायलट भ्रमित होकर बीजेपी के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार गिराने में लग गए. पिछले 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की. कांग्रेस की ओर से लगातार सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने लगातार हर बात को नकारा.
सचिन पायलट को हटाए जाने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस की राजस्थान इकाई का नया अध्यक्ष बनाया गया है. अभी तक कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाला नहीं है और आकर बात करने का विकल्प खुला छोड़ा है. पायलट ने 13 जुलाई को पार्टी से बगावत करते हुए कहा था कि उन्हें 30 विधायकों का समर्थन है और गहलोत सरकार अपना बहुमत खो चुकी है. इसके बाद राजस्थान का राजनीतिक संकट उभरकर सबके सामने आ गया.
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