शरद पवार को चुनाव मैदान में उतरने के लिए उनके नाती रोहित पवार ने मनाना शुरू कर दिया है. रोहित पवार ने अपने नाना एनसीपी चीफ शरद पवार से अनुरोध किया है कि वो लोकसभा चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
रोहित ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि पवार साहब एक बार फिर इस फैसले के बारे में सोचें, क्योंकि इस मौके पर चुनाव मैदान में उनकी मौजूदगी जरूरी है.
यहां पढ़िए पवार क्यों नहीं लड़ना चाहते - 14 बार चुनाव लड़ चुके शरद पवार इस बार नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
फेसबुक पोस्ट में रोहित ने पहले तो शरद पवार की तारीफ की है. फिर अपने पोस्ट के आखिरी पैराग्राफ में लिखा
“शरद पवार के हर फैसले का सम्मान है, पर इस आदर से बढ़कर प्रेम है. इसलिए मेरा और मेरे जैसे असंख्य कार्यकर्ताओं का मानना है कि आपको अपने चुनाव न लड़ने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.”रोहित पवार, शरद पवार के नाती
14 बार चुनाव लड़ चुके हैं पवार
सोमवार को शरद पवार ने कहा था, "मेरे परिवार के दो सदस्य इस बार लोकसभा चुनाव में खड़े हो रहे हैं. इसलिए मैंने सोचा कि इस बार चुनाव न लड़ने का सही समय है." उन्होंने बताया कि इससे पहले वह 14 बार चुनाव लड़ चुके हैं.
इससे पहले एनसीपी नेताओं की बैठक में ये बात सामने आई थी कि शरद पवार माढा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरते के लिए इच्छुक नहीं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, माढा लोकसभा से कुछ लोग पवार के खिलाफ हैं, ऐसे में अगर वो माढा से चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो उन्हें वहां प्रचार के लिए वक्त देना पड़ता. उनके लिए राज्य में दूसरी जगह प्रचार के लिए जाना मुश्किल होता.
पवार परिवार से सुप्रिया सुले और अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को पहले ही उम्मीदवारी मिलना तय है. ऐसे में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पवार पर परिवारवाद का आरोप लगा सकती है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने तो शरद पवार पर कटाक्ष किया है कि वो मोदी लहर को देखते हुए चुनाव मैदान में उतरने से डर रहे हैं.
फडणवीस ने पवार के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले पर ताना मारा कि एनसीपी प्रमुख भांप गए हैं कि हवा का रुख किस तरफ है इसलिए लोकसभा चुनाव में उतरने की उनकी हिम्मत ही नहीं पड़ रही है.
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