समाजवादी पार्टी (एसपी) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार में एक बार फिर एकता की सुगबुगाहट होने लगी है. जसवंत नगर के विधायक शिवपाल यादव की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की याचिका एसपी वापस ले रही है. इसके लिए एसपी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिख दिया है. एसपी के इस कदम से शिवपाल यादव की घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं.
सैफई होली मिलन में दिखी एकता
मुलायम परिवार में एकता का बीज सैफई के होली मिलन समारोह में दिखा था. पैतृक गांव सैफई में अखिलेश व शिवपाल दोनों एक मंच पर थे. इस दौरान अखिलेश ने शिवपाल के पैर भी छुए थे. उसी समय से एकता की संभावना दिखने लगी थी. लेकिन एसपी द्वारा याचिका वापस लेने के कारण इस बात को और बल मिल रहा है.
याचिका वापस लेने के संबध में उत्तर प्रदेश विधानसभा के एक बड़े अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "जसवन्त नगर विधानसभा से विधायक शिवपाल की याचिका वापस करने के संबध में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी का एक पत्र मिला है. फिलहाल अभी सचिवालय बंद चल रहा है. इस पर कार्यालय खुलने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा."
'अखिलेश के पास कोई विकल्प नहीं बचा है'
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव ने आईएएनएस से कहा, "एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने सारे राजनीतिक प्रयोग कर लिए हैं. कांग्रेस, बएसपी और आरएलडी के साथ गठबंधन करके देख चुके हैं. उन्हें वह सफलता नहीं मिली जो वह चाह रहे थे. उनके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. अब उनके पास एक ही विकल्प है कि शिवपाल को वापस ले लें. जो संकेत मिल रहे वह यही है. हालांकि अभी चुनाव में काफी देर है, फिर भी इसे अजमाने में कोई बुराई नहीं है."
उन्होंने कहा, "शिवपाल के आने से कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा आएगी. क्योंकि शिवपाल की कार्यकर्ताओं में गहरी पकड़ है. पार्टी को मजबूती मिलेगी. परिणाम क्या होगा यह आने वाला समय बताएगा."
एसपी के एक नेता ने बताया, "मुलायम सिंह के बाद शिवपाल पार्टी के जड़ों तक समाहित हैं. उनके न रहने से पार्टी को काफी नुकसान हो रहा है. अगर वह पार्टी में आ जाते हैं, तो निश्चित तौर से पार्टी को मजबूती मिलेगी और एक बार फिर 2022 में एसपी की सरकार भी बन सकती है."
एसपी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस बारे में कहा कि सारे निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेने हैं और वही इस पर कुछ बता सकते हैं.
(इनपुट: IANS)
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