पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) आगामी विधानसभा चुनाव से पहले 'बाहरी' बनाम 'भूमिपुत्र' की थीम पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निशाने पर ले रही है. TMC ने शुक्रवार को BJP पर गैर-बंगाली बाहरी लोगों को राज्य की जनता पर हावी करने का आरोप लगाया. TMC के इस वार पर BJP ने पलटवार भी किया है.
TMC के वरिष्ठ नेता ब्रत्या बसु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘’रविंद्रनाथ टैगोर को न जानने वाले बाहरी लोग राज्य की जनता पर हावी हो रहे हैं. हमने उनके द्वारा की गई हिंसा को देखा, जिसके चलते (मई 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान) ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा की बेअदबी हुई.’’
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ‘गैर-बंगाली बाहरियों’ के प्रभुत्व को कभी स्वीकार नहीं करेगी. इसके अलावा TMC नेता ने कहा, ''इतिहास गवाह है कि ऐसी कोई भी कोशिश कभी सफल नहीं हुई. इस बार भी ऐसा होने की कोई गुंजाइश नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''वे बाहरियों की मदद से हम पर हावी होना चाहते हैं. क्या हमें सिर झुकाकर रहना चाहिए? क्या यही बंगालियों के भाग्य में लिखा है?''
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक, बसु ने कहा, ''यहां तक कि अमेरिकी प्रेसिडेंट-इलेक्ट जो बाइडेन अपने कैबिनेट में एक बंगाली - अरुण मजूमदार - को शामिल कर सकते हैं. बाइडेन भी बंगालियों की अहमियत समझते हैं, लेकिन दिल्ली नहीं समझती, केंद्र नहीं समझता. नरेंद्र मोदी नहीं समझते...मोदी कैबिनेट में एक बंगाली भी फुल-फ्लेज्ड मिनिस्टर नहीं है.''
BJP ने TMC पर किया पलटवार
TMC के आरोपों को खारिज करते हुए BJP नेतृत्व ने कहा है कि वे जानना चाहते हैं कि TMC ने अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए जिस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नियुक्ति की है, वह ''बंगाली हैं या गैर बंगाली.''
BJP की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘’हमारे केंद्रीय नेता यहां हमारी मदद करने आए थे, न कि हमें फरमान सुनाने. TMC बाहरियों की बात कर रही है...मैं पार्टी से पूछता हूं कि क्या किशोर एक बंगाली हैं. TMC जानती है कि वो विधासनभा चुनाव हारने वाली है. यही वजह है कि वो इस तरह के हथकंडे अपना रही है.’’
बता दें कि पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की उम्मीद है.
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