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3 तलाक पर ओवैसी-BJP को केरल की हिंदू महिलाओं की चिंता क्यों नहीं?

ओवैसी और शशि थरूर ने किया बिल का विरोध

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लोकसभा सत्र के पांचवे दिन मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को एक बार फिर सदन में पेश किया. बिल पेश करते ही इस पर खूब बवाल हुआ. आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला. ओवैसी ने तीन तलाक का विरोध करते हुए कहा कि ये बिल आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन करता है.

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ओवैसी ने उठाया केरल की महिलाओं का मुद्दा

तीन तलाक बिल के विरोध में बोलते हुए ओवैसी ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का भी जिक्र कर दिया. ओवैसी ने लोकसभा में कहा, मैं सरकार से पूछना चाह रहा हूं कि आपको मुस्लिम महिलाओं से इतनी मोहब्बत है, लेकिन केरल की हिंदू महिलाओं के मोहब्बत क्यों नहीं है? आखिर आप क्यों सबरीमाला के खिलाफ हैं? ये गलत हो रहा है.

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सरकार से पूछे सवाल

ओवैसी ने कहा कि अगर किसी नॉन मुस्लिम व्यक्ति को इस तरह के केस में डाला जाए तो उसको 1 साल की सजा होती है और मुसलमान को तीन साल की सजा का प्रावधान लाया जा रहा है. क्या है आर्टिकल 15 और 14 का उल्लंघन नहीं है?

ओवैसी ने कहा, ‘ये बिल बिल्कुल भी महिलाओं के हित में नहीं है. इससे महिलाओं पर भार और ज्यादा बढ़ेगा. अगर पति तीन साल तक जेल में रहता है तो पत्नी को खर्च कौन देगा? क्या सरकार पत्नी को खर्च देगी?’

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भारी हंगामे के बीच तीन तलाक बिल पेश करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘’लोगों ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है. कानून बनाना हमारा काम है. यह कानून तीन तलाक की पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए है.’’ 

कानून मंत्री प्रसाद ने तीन तलाक का विरोध कर रही कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि सोनिया गांधी जी जैसी एक महिला नेता कांग्रेस पार्टी की नेता हैं. लेकिन इसके बाद भी लोकसभा में कांग्रेस महिलाओं के विरोध में खड़ी है. कांग्रेस बिल पेश किए जाने पर ही इसका विरोध कर रही है. मैं कहता हूं कि ये दर्दभरा नहीं बल्कि शर्मनाक है.

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शशि थरूर बोले, बिल मुस्लिम परिवारों के खिलाफ

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस बिल को मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि हम इस ड्राफ्ट का विरोध करते हैं. बिल से मुस्लिम महिलाओं का भला नहीं होने वाला है. ये बिल संविधान के खिलाफ है. इसमें सिविल और क्रिमनल कानून को मिला दिया गया है. थरूर ने कहा कि अगर कानून बनाना है तो सभी के लिए बनाया जाए, ऐसा कानून सिर्फ एक समुदाय के लिए क्यों बनाया जा रहा है? ये बिल आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन करता है.

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