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Uddhav Thackeray की सत्ता गई, पार्टी को लेकर खींचतान, अब परिवार पर शिंदे की नजर?

बाल ठाकरे के बेटे और उद्धव ठाकरे के भाई जयदेव ठाकरे की पत्नी हैं स्मिता ठाकरे.

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शिवसेना में बगावत और सत्ता से बाहर होने के बाद उद्धव ठाकरे मुश्किल में नजर आ रहे हैं. खबर है कि उद्धव ठाकरे परिवार में भी 'दरार' नजर आने लगी है. बताया जा रहा है कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की बहू स्मिता ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर महाराष्ट्र की राजनीति का पारा हाई कर दिया है. खास बात है ये कि बगावत के बाद शिंदे से मुलाकात करने वाली स्मिता, ठाकरे परिवार की पहली सदस्य हैं.

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शिंदे से शिष्टाचार मुलाकात- स्मिता ठाकरे

एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद स्मिता ठाकरे ने बताया कि एकनाथ शिंदे एक पुराने शिवसैनिक हैं, जो अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं. मैं यहां उन्हें बधाई देने आयी हूं. मैं, उन्हें और उनके काम को पिछले कई सालों से जानती हूं. यह शिष्टाचार मुलाकात थी. हम एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं इसलिए मैं आज उनसे मिली.

शिवसेना में बगावत के बारे में पूछे जाने पर स्मिता ने कहा कि वह इसके बारे में कुछ नहीं जानती हैं, क्योंकि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और राजनीति में नहीं हैं.

कौन हैं स्मिता ठाकरे?

स्मिता ठाकरे 1995-99 के दौरान शिवसेना में एक शक्तिशाली शख्सियत थीं. स्मिता बाल ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे की पत्नी हैं.

शिंदे और उद्धव गुट को 8 अगस्त को देना है जवाब

दरअसल, MVA सरकार गिराने के बाद BJP के सहयोग से एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं. साथ ही 19 में से 12 सांसदों को अपने गुट में शामिल कर लिया है. इन सबके बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर भी दावा ठोक दिया है.

शिंदे ने चुनाव आयोग से कहा कि 55 में से 40 विधायक, एमएलसी और 19 में से 12 सांसद उनके साथ हैं. आयोग ने अब दोनों समूहों को 8 अगस्त 2022 तक अपने दावों का समर्थन करने के लिए दस्तावेजों के साथ अपनी लिखित प्रस्तुतियां प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

ED के सामने पेश नहीं हुए संजय राउत

शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को पात्रा चॉल जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन वो आज भी ED के सामने पेश नहीं हुए. ये दूसरा मौका है जब संजय राउत ED के सामने पेश नहीं हुए हैं. बताया जा रहा है कि पूछताछ के लिए ED दोबारा संजय राउत को समन भेज सकती है.

गौरतलब है कि इससे पहले 20 जुलाई को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन दिल्ली में चल रहे संसद के मानसून सत्र का हवाला देकर वह ED के सामने पेश नहीं हुए थे

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