उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनाव है. लोग अपने क्षेत्र से उम्मीदवारों को चुनकर विधानसभा भेजेंगे. 5 साल पहले भी यही हुआ था. लोगों ने अपने विधायकों (MLA's) को चुनकर भेजा. उनके मुद्दे उठाने के लिए. उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए. लेकिन क्या उन्होंने ऐसा किया?
मतदान के वक्त कम ही लोगों को पता होता है कि पिछली बार उन्होंने जिसे चुना, उसने विधानसभा के अंदर कितने सवाल पूछे. ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि यूपी के विधायकों का विधानसभा के अंदर का रिपोर्ट कार्ड कैसा है.
174 विधायकों ने 5 साल में एक भी सवाल नहीं पूछा
आंकड़ा चौंकाने वाला है. लेकिन सच है. साल 2017 में जिन विधायकों को चुना गया, उनमें से 174 ऐसे हैं, जिन्होंने 5 साल में एक भी सवाल नहीं पूछा. पीआरएस इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें सबसे ज्यादा बीजेपी के 147 विधायक शामिल हैं.
दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. इनकी संख्या 19 है. इसके बाद अपना दल के 3 और बीएसपी के 2 विधायक है. दो निर्दलीय विधायकों ने भी पांच साल में एक भी सवाल नहीं पूछे. 28 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने 5 साल में सिर्फ एक सवाल पूछा.
सिर्फ 19 विधायकों ने पूछे 100 से ज्यादा सवाल
सिर्फ 19 ऐसे विधायक हैं जिन्होंने 5 साल में 100 से ज्यादा सवाल पूछे. इसमें सबसे ज्यादा बीजेपी के 8, एसपी के 6, अपना दल के 2 और बीएसपी-कांग्रेस के 1-1 विधायक हैं.
सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले टॉप 10 विधायक
विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले टॉप 10 में सबसे ज्यादा एसपी के 4 विधायक हैं. वहीं बीजेपी के 3, अपना दल के 2 और बीएसपी का 1 है. टॉप 10 में पहला नंबर बीजेपी विधायक संजय प्रताप जयसवाल का है, उन्होंने सबसे ज्यादा 352 सवाल पूछे. दूसरे नंबर पर 250 सवाल पूछने वाले एसपी विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा हैं. तीसरा नंबर 239 सवाल पूछने वाले बीएसपी विधायक सुखदेव राजभर का है. इनके बाद 216 सवाल पूछने वाले एसपी से विधायक फईम इरफान हैं. इसके बाद 215 सवाल एसपी के संजय गर्ग ने पूछे.
बीजेपी के मनीष असीजा ने 5 साल में 177 सवाल पूछे. बीजेपी के ही अवस्थी बाला प्रसाद ने 158 सवाल पूछे. अपना दल के विधायक जमुना प्रसाद सरोज ने 154 सवाल और इसी पार्टी के विधायक आरके वर्मा ने 154 सवाल पूछे. 10वें नंबर पर एसपी के प्रशांत यादव हैं, जिन्होंने 147 सवाल पूछे.
विधानसभा में 100% उपस्थिति वाले 13 विधायक
विधानसभा में उपस्थिति की बात करें तो 5 सालों में 13 ऐसे विधायक हैं, जो 100% उपस्थित थे. ये सभी 13 विधायक बीजेपी से हैं. इनके नाम कैलाश सिंह राजपूत, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, युवराज सिंह, बृजेश कुमार, शशांक वर्मा, आनंद स्वरूप शुक्ला, शरद कुमार अवस्थी, दल बहादुरी, ज्ञान तिवारी, राम प्रताप उर्फ शशिकांत वर्मा, शशांक त्रिवेदी, राम नरेश रावत और वीर विक्रम सिंह हैं.
50% या इससे कम उपस्थिति की बात करें तो ऐसे विधायकों की संख्या 22 है. इसमें बीजेपी के 12, एसपी के 6, बीएसपी के 2, निर्दलीय 2 और आरएलडी का 1 विधायक है.
ऐसे विधायक जो विधानसभा में सबसे कम उपस्थित रहे
अब बात करते हैं ऐसे विधायकों की, जो विधानसभा में सबसे कम उपस्थित रहे. इसमें कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह, एसपी विधायक पिंकी सिंह यादव, निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी, बीजेपी के अरुण कुमार यादव, प्रवीण कुमार सिंह, अजय प्रताप सिंह हैं. वहीं आरएलडी के सहेंद्र सिंह रमाला, बीएसपी से मुख्तार अंसारी और सपा से यासर शाह शामिल हैं.
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