उत्तर प्रदेश (UP) में अब बुलडोजर पॉलिटिक्स (Bulldozer Politics) के साइड इफेक्ट नजर आ रहे हैं. कहीं बिना नोटिस दिये बुलडोजर चलाने का आरोप, कहीं मलबे में किसी को दबाने का आरोप, कहीं किसी मौत. हम आपको ऐसी ही तीन कहानियां बता रहे हैं जिनमें बुलडोजर पॉलिटिक्स के साइड इफेक्ट नजर आ रहे हैं. ये तीन कहानियां आपको बताएंगे कि कैसे यूपी में बुलडोजर बेपनाह ताकत का प्रतीक बना हुआ है.
बुलंदशहर में मलबे में दबे व्यक्ति की मौत
बुलदंशहर में मलबे में दबे रोहताश ने इलाज के दौरान बुलडोजर चलाने वालों पर आरोप लगाए थे. बाद में रोहताश की इलाज के दौरान ही मौत हो गई. परिवार वालों की मांग है कि हत्या का मुकदमा जल्द से जल्द दर्ज किया जाए. रोहताश के बेटे सुमित कुमार ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की तो उन्हें अधिकारियों ने मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि बिना नोटिस दिए उनका मकान तोड़ दिया गया.
वहीं 5 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है. शशांक सिंह (सीओ सिटी) ने कहा है कि इस मामले में परिवार को आश्वाशन दिया गया है, कि मामले की जांच करवाई जाएगी और उचित कार्रवाई होगी.
लखीमपुर खीरी में तोड़े पैर
एक और मामला भी लखीमपुर खीरी का है जहां जहां 14 मई 2022 को शमशेर के सलून पर बुलडोजर चलाया गया. बुलडोजर ने शमशेर के पैर तोड़ दिये. शमशेर ने बताया कि उन्हें अपने सलून को हटाने के लिए एक दिन का समय भी नहीं दिया गया.
उन्नाव में रोते रहे मां-बेटे, चलता रहा बुलडोजर
उन्नाव में 11 मई 2022 को बुडोजर के सामने मां और बेटे रोते नजर आ रहे थे. दरअसल उत्कर्ष शुक्ला के मोबाइल शोरूम पर चलने बुलडोजर पहुंचा था. मां और बेटे दोनों ने हाथ जोड़कर विनती कर रहे थे, लेकिन शोरूम की सीढ़ियों पर फिर भी बुलडोजर चला दिया गया. उत्कर्ष ने बताया की बिना वजह उनके शोरूम के बाहर की सीढ़ियों को तोड़ा गया.
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