ADVERTISEMENTREMOVE AD

शाह के दौरे से पहले TMC में इस्तीफों की झड़ी,ममता को कितना नुकसान?

अमित शाह की मौजूदगी में कई टीएमसी नेता हो सकते हैं बीजेपी में शामिल

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राजनाीतिक गलियारों में अगर किसी राज्य की चर्चा है तो वो है पश्चिम बंगाल, जहां अगले कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. हर राज्य में होने वाले चुनावों से पश्चिम बंगाल के चुनाव काफी अलग हैं. क्योंकि यहां का दंगल काफी बड़ा और दिलचस्प है. अब इस दंगल की कुश्ती भी शुरू हो चुकी है. चुनाव जितना नजदीक आ रहा है उतनी ही राज्य की सत्ता में काबिज ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ रही हैं. ममता के जहाज से उनके सिपाही लगातार कूद रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

24 घंटे में 4 नेताओं के इस्तीफे

दरअसल पिछले कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो चुका है. अब तक सुवेंदु अधिकारी के बाद करीब 24 घंटों में 5 नेता इस्तीफा दे चुके हैं. साथ ही अमित शाह के दौरे तक कई और इस्तीफों को लेकर सुगबुगाहट तेज है. तो अब आने वाले चुनावों का तूफान ममता बनर्जी के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो चुका है.

टीएमसी के लगातार इस्तीफों से एक बात तो साफ हो चुकी है कि, बीजेपी ममता के कुनबे में सेंध लगाने में कामयाब हुई है. चुनाव से ठीक पहले ममता के लिए ये संकेत कुछ ठीक नहीं हैं, वहीं बीजेपी के लिए ये एक और पॉजिटिव मूव है. तो पहले आपको बताते हैं उन नेताओं के बारे में, जिन्होंने ममता का हाथ छोड़ा है और अब उनके बीजेपी में जाने की चर्चा है.

सुवेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल के सिंचाई और परिवहन मंत्री रहे सुवेंदु अधिकारी ममता बनर्जी से लगातार नाराज चल रहे थे. उन्होंने पहले ममता कैबिनेट से और अब पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अधिकारी का पश्चिम बंगाल के कई क्षेत्रों में काफी दबदबा माना जाता है और वो टीएमसी के जमीनी नेताओं में से एक थे. इसीलिए ममता के लिए वो एक बड़े झटके की तरह साबित हो सकते हैं. अब बताया जा रहा है कि अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे पर सुवेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

जितेंद्र तिवारी

टीएमसी के विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बताया गया कि इस्तीफे से ठीक पहले उनकी मुलाकात सुवेंदु अधिकारी से हुई थी. तिवारी ने पार्टी की सदस्यता और आसनसोल के महापौर पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा था. इसीलिए उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दिया है. हालांकि टीएमसी का कहना था कि तिवारी एक छोटे नेता थे और उनके इस्तीफा का कोई असर नहीं होगा.

जितेंद्र तिवारी ने इस्तीफे की घोषणा के बाद यू-टर्न लेते हुए कहा है कि वो पार्टी में ही रहेंगे. बता दें कि पश्चिम बंगाल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने उनकी बीजेपी में एंट्री का विरोध किया था. जिसके बाद तिवारी ने वापसी का फैसला किया है. 

दीप्तांगशु चौधरी

साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (SBSTC) के अध्यक्ष दीप्तांगशु चौधरी ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है. रिटायर्ड कर्नल दीप्तांगशु चौधरी उन्होंने भी पार्टी की सदस्यता और दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. इससे उन्होंने बीजेपी छोड़कर टीएमसी ज्वाइन की थी. चौधरी को जितेंद्र तिवारी का काफी करीबी माना जाता है. बताया जा रहा है कि चौधरी भी फिर से बीजेपी में वापसी कर सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

शीलभद्र दत्ता

बैरकपुर से टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्ता भी इस्तीफों की इस लहर में कूदे और ऐलान किया वो पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को लिखे अपने खत में कहा है कि वो पार्टी की सदस्यता और तमाम पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. दत्ता ने जेपी नड्डा के दौरे से ठीक पहले बीजेपी नेता मुकुल रॉय से मुलाकात की थी. जिसके बाद से ही उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा शुरू हो गई. बैरकपुर सीट पर दत्ता का काफी दबदबा माना जाता है. ऐसे में अगर वो बीजेपी ज्वाइन करते हैं तो ये ममता और टीएमसी के लिए एक दूसरा बड़ा झटका होगा. रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि इस्तीफा देने के बाद दत्ता ने अपने ऑफिस से ममता बनर्जी की फोटो हटाकर स्वामी विवेकानंद का तस्वीर लगाई है.

कबिरुल इस्लाम

शीलभद्र दत्ता के बाद पार्टी के नेता और अल्पसंख्यक सेल में महासचिव कबिरुल इस्लाम ने भी इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि बागी नेताओं के साथ मुलाकात के बाद ही कबिरुल इस्लाम ने ये फैसला किया. उन्होंने भी अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. साथ ही वो भी तमाम नेताओं के साथ अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.

उत्तर कांठी से विधायक बनाश्री मैती ने भी इसी क्रम में अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने टीएमसी की सदस्यता और तमाम पदों से इस्तीफा दिया है. ये पिछले दो दिनों में लगातार पांचवां इस्तीफा है. 

मिहिर गोस्वामी

इससे पहले पिछले महीने नवंबर में कूचबिहार दक्षिण सीट से तृणमूल कांग्रेस विधायक मिहिर गोस्वामी ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. उन्होंने सबसे पहले प्रशांत किशोर के खिलाफ बोला था. गोस्वामी 1998 से पार्टी के साथ थे. लेकिन अब उन्होंने टीएमसी को छोड़ बीजेपी का दामन थामा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इन नेताओं के बगावती सुर

अब हमने आपको उन नेताओं की लिस्ट बताई जो पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. लेकिन कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो पार्टी के खिलाफ खुलकर बगावती तेवर अपना चुके हैं. यानी इनका भी इस्तीफा संभव है. इसमें सबसे बड़ा नाम टीएमसी सांसद सुनील मोंडल का है. बताया जा रहा है कि अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे में मोंडल भी बीजेपी में जा सकते हैं.

मोंडल के अलावा सिंगूर से विधायक रबिंद्रनाथ भट्टाचार्य भी के सुर भी बदले हुए नजर आए. उन्होंने प्रशांत किशोर और पार्टी लीडरशिप पर सवाल उठाए थे. साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर भी ममता बनर्जी पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि सिर्फ दो या तीन लोग पार्टी को चला रहे हैं. भट्टाचार्य ने भी सुवेंदु अधिकारी की तरह गैर-जमीन अधिग्रहण प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था और एक अहम रोल निभाया था.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

इनके अलावा टीएमसी विधायक कृष्णचंद्र संत्रा, मुर्शिदाबाद में अच्छा खासा दबदबा रखने वाले पार्टी नेता नायमोत शेख, फॉरेस्ट मिनिस्टर राजीब बनर्जी और कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर सधन पांडे भी पार्टी आलाकमान पर सवाल उठा चुके हैं. यहां तक कि कोलकाता के पूर्व डिप्टी मेयर अतिन घोष भी कह चुके हैं कि पुराने लोगों को पार्टी में साइडलाइन किया जा रहा है.

बता दें कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मौजूदगी टीएमसी के कई नेताओं को खटक रही है. किशोर के खिलाफ लगातार पार्टी के कई नेता बयान दे चुके हैं. प्रशांत किशोर की कंसल्टेंसी फर्म I-PAC को TMC के 2021 कैंपेन की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन अब उनकी रणनीति से ही पार्टी नेता असहज महसूस करने लगे हैं. 

शाह की मौजूदगी में टीएमसी में लगेगी कितनी सेंध

यानी ममता के बागियों की लिस्ट काफी लंबी होती जा रही है. अब गृहमंत्री अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को पश्चिम बंगाल दौरे पर जाएंगे. इन दो दिनों में पार्टी से और कितने इस्तीफे होते हैं ये देखना होगा. बताया जा रहा है कि कई और लोग अमित शाह की मौजूदगी में इस्तीफा दे सकते हैं और बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बड़े नेताओं के अलावा लोकल लेवल पर भी टीएमसी के कई नेता बीजेपी का दामन थामने जा रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×