कोरोना महामारी के बीच विधानसभा चुनावों में प्रचार और रैलियों को लेकर चुनाव आयोग को हर तरफ से फटकार लगी. इसके बाद आयोग ने चुनाव आयोग ने 2 मई को नतीजे आने के बाद जश्न मनाने और जुलूस निकालने पर रोक लगा दी. लेकिन कई राज्यों में जीत के बाद पार्टियों के समर्थक जुटे और जमकर जश्न मनाया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई भी चीज नजर नहीं आई.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने एक बार फिर बता दिया कि उनके आगे वहां कोई नहीं निकल सकता है. टीएमसी को करीब 215 सीटों पर जीत और बढ़त मिली है. वहीं बीजेपी करीब 75 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है.
चुनाव आयोग की चेतावनी भूले टीएमसी समर्थक
पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत के साथ ही पार्टी कार्यकर्ता चुनाव आयोग की चेतावनी को भूलकर सड़कों पर उतर गए. जमकर जश्न मनाया गया और एक दूसरे पर गुलाल फेंका गया. लेकिन इस सबके बीच सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क गायब दिखा. यानी कोरोना नियमों का खुलकर उल्लंघन हुआ. ममता बनर्जी के समर्थकों ने उनके पोस्टर को भी गुलाल लगाया. जमकर ढोल बजाए और जीत का जश्न मनाया. नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों से हिंसा की खबरें भी सामने आईं.
तमिनालुड में डीएमके समर्थकों का हुजूम
तमिलनाडु में भी कुछ जगहों पर लोगों ने जीत के जश्न में कोरोना को भुला दिया. चेन्नई में डीएमके और स्टालिन समर्थकों ने जमकर जीत का जश्न मनाया. इस दौरान पटाखों से आतिशबाजी भी की गई. समर्थकों के हाथों में स्टालिन की तस्वीर भी नजर आई. लेकिन एक चीज थी, जो कहीं नजर नहीं आई. वो थी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क, समर्थकों ने इन दोनों नियमों का पालन नहीं किया और चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंघन हुआ.
केरल में जीत का जश्न
केरल के तिरुवनंतपुरम से भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं. यहां पर भी समर्थकों के बीच कोरोना और चुनाव आयोग का डर नहीं दिखा. यहां भी लेफ्ट समर्थकों ने सड़कों पर उतकर पटाखे चलाए और जीत का जश्न मनाया.
असम में बीजेपी और सहयोगी दलों का जश्न
असम में एनडीए की सरकार एक बार फिर बनती हुई नजर आ रही है. बीजेपी और सहयोगी दलों को बहुमत मिल रहा है, ऐसे में समर्थकों ने जीत पर खूब जश्न मनाया. बीजेपी की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद के कार्यकर्ताओं ने ढोल बजाकर जीत की खुशी मनाई.
यूपी पंचायत चुनाव नतीजों के दौरान उमड़ी भीड़
अब विधानसभा चुनावों के अलावा यूपी पंचायत चुनाव के नतीजे भी 2 मई को ही सामने आए. अब यूपी में पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आए हों और लोग बिना जश्न मनाए रहें, ये मुमकिन नहीं लगता. जश्न मनाने से पहले ही अपने उम्मीदवार के लिए लोग काउंटिंग सेंटर के बाहर जमा हो गए. खचाखच भीड़ के सामने कोरोना वाली सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कहीं गायब सी हो गई हो. चुनाव आयोग के आदेश का असर यहां किसी पर भी नहीं दिख रहा था. दिनभर कई काउंटिंग सेंटर्स पर यही हाल देखने को मिला, कुछ जगहों पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा.
चुनाव आयोग ने की थी सख्ती की बात
अब आपको ये बताते हैं कि चुनाव आयोग ने नतीजों की सुबह यानी 2 मई को क्या कहा. चुनाव आयोग ने कहा कि जीत का जश्न मनाने और लोगों के इकट्ठा होने पर उसका कड़ा रुख है. इसके लिए राज्यों के मुख्य सचिवों को कहा गया है कि अगर जीत के बाद समर्थक जश्न मनाते दिखते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. साथ ही थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया जाए.
लेकिन इन तमाम तस्वीरों को देखने के बाद चुनाव आयोग को अब बताना चाहिए कि कितने लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है और कितने थाना प्रभारी अब तक निलंबित किए गए हैं.
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