अवैध खनन के मामले में सीबीआई के छापे के बाद यूपी की योगी सरकार एक्शन में है. बुलंदशहर के डीएम, आजमगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी समेत कुल 3 IAS अफसरों पर कार्रवाई की गई है. बता दें कि अवैध खनन के मामलों में सीबीआई ने यूपी के बुलंदशहर, लखनऊ, फतेहपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, नोएडा, गोरखपुर और देवरिया में छापेमारी की थी. बुलंदशहर के जिला अधिकारी अभय कुमार सिंह और देवरिया के पूर्व जिला अधिकारी विवेक, देवरिया के पूर्व अपर जिला अधिकारी (एडीएम) (अब आजमगढ़ में सीडीओ) देवी शरण उपाध्याय के घर पर भी छापेमारी हुई थी.
इन सभी को ट्रांसफर के बाद नई तैनाती न देते हुए वेटिंग लिस्ट में रखा गया है. बुलंदशहर में नए डीएम के तौर पर रविंद्र कुमार को भेजा गया है. जो राज्य पोषण मिशन के डायरेक्टर हैं.
इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि सीबीआई ने बुलंदशहर के डीएम अभय कुमार सिंह, यूपी के तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. सीबीआई ने कथित रूप से अभय कुमार सिंह के आवास से 47 लाख रुपये की नकदी बरामद की है. इसके अलावा देवरिया के पूर्व अपर जिला अधिकारी (एडीएम) (अब आजमगढ़ में सीडीओ) देवी शरण उपाध्याय के घर से 10 लाख रुपये बरामद हुए हैं.
अखिलेश यादव की बढ़ सकती है परेशानी
सीबीआई ने पूर्व जिला अधिकारी विवेक के संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी सील कर दिए हैं. विवेक अब लखनऊ में प्रशिक्षण और रोजगार विभाग के निदेशक हैं. इस कदम से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए भी परेशानी बढ़ सकती है. अभय कुमार सिंह सीबीआई की नजरों में तबसे हैं जब अखिलेश सरकार में वो फतेहपुर के जिला अधिकारी थे और खनन में अनियमितताएं पाई गई थीं.
साल 2012 से 2017 तक अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, इसी बीच 2012 से 2013 तक खनन विभाग भी उनके पास था. अवैध खनन कथित रूप से 2012 से 2016 के बीच हुई
वहीं डीएम अभय कुमार सिंह का कहना है कि फतेहपुर में नियमों की अनदेखी कर दिए गए खनन पट्टे, उनके कार्यकाल के पहले या बाद के हैं. डीएम ने मीडिया में चलाई जा रही खबरों को खारिज करते हुए कहा कि 47 लाख रुपये जो उनके घर से बरामद हुए हैं, उनका पूरा ब्योरा दिया गया है.
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