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राजस्थान: डूंगरपुर में तीन कोरोना संक्रमित मिलने के बाद जीरो मोबिलिटी कर्फ्यू

मेडिकल स्टोर और दूध की दुकानों को भी बंद रखा गया है. प्रशासन घर-घर सैंपलिंग कर रहा है.

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राजस्थान (Rajasthan) के डूंगरपुर जिले में दो महिला और एक युवक के कोरोना पॉजिटिव (Covid-19) मिलने के बाद शनिवार, 4 दिसंबर को मोहम्मदिया कॉलोनी में जीरो मोबिलिटी कर्फ्यू घोषित कर दिया गया और पुलिस भी तैनात कर दी गई.

मेडिकल स्टोर और दूध की दुकानों को भी बंद रखा गया है. प्रशासन घर-घर सैंपलिंग कर बीमारों को दवाईयां और जरूरी सामान दे रहा है. 

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सूरत से डूंगरपुर आई थी महिला

राजस्थान में कोरोना की जब दूसरी लहर अप्रैल में आई थी, तब सरकार ने लॉकडाउन लगाते हुए ज्यादा संक्रमित वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाए थे. अप्रैल में ही कई जगह कर्फ्यू लगाए गए थे. मई के आखिरी सप्ताह से संक्रमित केस काबू होने लगे थे, इसके बाद सरकार ने पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी. जून अंत तक कोरोना संक्रमण दर 5 फीसदी से नीचे आने के बाद तमाम पाबंदियों पर छूट देते हुए प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन भी बनाने बंद कर दिए थे.

जानकारी के अनुसार सूरत से डूंगरपुर आई महिला कोरोना पॉजिटिव मिली थी. जो यहां बेटे की शादी के बाद वापस लौट गई और तबीयत खराब होने पर जांच करवाई तो कोरोना पॉजिटिव आई.

इसके बाद संपर्क में आए लोगों की जांच में उसका बेटा और पड़ोस की महिला में संक्रमण पाया गया. दोनों को होम आइसोलेट किया गया है.
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250 घर जीरो मोबिलिटी जोन में शामिल

चितरी थानाधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में किसी के भी आने-जाने पर रोक है. जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है. गलियाकोट दरगाह के पास मोहम्मदिया कॉलोनी में ढाई सौ घर इस जोन में शामिल हैं.

दूसरी लहर में लगे कर्फ्यू के बाद पहली बार तीसरी लहर की आहट के बीच राजस्थान के किसी इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है.

जीरो मोबिलिटी कर्फ्यू में एक एएनएम और एक आशा सहयोगिनी की 5 टीमों को सर्वे के लिए लगा दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर सर्वे कर रही है. अब तक 70 लोगों को सर्दी-जुकाम, खांसी होने पर दवाइयां दी गई है और 5 दिन बाद बड़े पैमाने पर सर्वे होगा.

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महिला का सैंपल पूना भेजा गया

गलियाकोट में सूरत से लौटी कोरोना संक्रमित महिला के ओमिक्रोन जिनोम की जांच के लिए सैंपल पूना लैब भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट 10 दिन में आएगी. महिला की सूरत में करवाई गई कोरोना जांच भी निगेटिव आ गई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी लैब से आरटीपीसीआर जांच करवाकर रिपोर्ट देने की बात कही है. महिला का सूरत में ही इलाज चल रहा है.

जीरो मोबिलिटी जोन में कोई भी आ-जा नहीं सकता

जीरो मोबिलिटी जोन में किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं होती. जिस एरिया को जीरो मोबिलिटी घोषित किया जाता है, वहां किसी को भी घर से बाहर तक निकलने की अनुमति नहीं होती. केवल मेडिकल टीमों को ही आने जाने की छूट होती है. ये एक तरह से सबसे एडवांस स्टेज का कर्फ्यू होता है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कई शहरों में जीरो मोबिलिटी जोन बने थे.

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