राजस्थान (Rajasthan) के अलवर से बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ योगी (Mahant Balaknath Yogi) रविवार, 8 जनवरी को चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने पर अलवर बहरोड़ डीएसपी पुलिस अधिकारी पर बरसते हुए अपना आप खो बैठे. कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से सांसद इतने नाराज दिखाई हुए कि उन्होंने डीएसपी आनंद राव को वर्दी वाला गुंडा तक कह डाला. सांसद ने धमकाने के अंदाज में कहा कि मेरा नाम याद रखना.
"मैं तुम तीन लोगों को कभी नहीं भूलूंगा. एक यहां के विधायक को, दूसरा पुराने एसएचओ को और आज सबसे पहले आप मेरी लिस्ट में हो गए हो.. सबसे बड़ा गुंडा पुलिस वालों की वर्दी में तू है. आपके बच्चे भी ये तरस करेंगे कि तुम उनके बाप थे."बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ योगी
मामले का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे अलवर के बहरोड़ थाने पहुंचकर डीएसपी को धमकाते नजर आ रहे हैं.
सांसद बालकनाथ ने यहां तक कहा कि मेरा नाम याद रखना 8 महीने की सरकार है, फिर बीजेपी आ रही है. आपको यहां से जाने भी नहीं दूंगा. हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया है.
सांसद का यह वीडियो वायरल होने के साथ ही सियासत भी शुरु हो गई. कांग्रेस ने सांसद पर निशाना साधा है. मामले की जानकारी मिलने पर भिवाड़ी एसपी शांतनु कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और सांसद सहित अन्य नेताओं से बात कर मामला शांत करवाया.
इधर पुलिस का कहना है कि सांसद का आरोप गलत है. मामले की जांच को लेकर रविवार को सुबह 8 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता एडवोकेट राजाराम यादव, बीजेपी कार्यकर्ता एडवोकेट हितेन्द्र यादव, नूतन सैनी और निशांत यादव को हिरासत में लिया गया था.
क्या है पूरा मामला?
6 जनवरी को हिस्ट्रीशीटर लादेन (विक्रम) पर फायरिंग हुई थी. पुलिस उसे जिला अस्पताल (बहरोड़) मेडिकल चेकअप के लिए ले गई थी. फायरिंग में लादेन बच गया, लेकिन वहां इलाज कराने आईं इमरती देवी एवं भूतेरी देवी के पैरों में गोली लग गई. इस मामले को लेकर आरोपियों को हिरासत में लिया गया था.
भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम का अवलोकन किया और पीड़ितों से बातचीत की है और प्रारंभिक जो जानकारी है वह मुख्यालय को भेज दी गई है. इस पूरे घटनाक्रम की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से जांच कराई जाएगी. जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सांसद बालकनाथ योगी ने बताया कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को पकड़ा है. जब अपराधी पकड़े नहीं जाते, तो नाजायज लोगों को पकड़कर ले आए. पुलिस के उच्चाधिकारियों के कहने पर धरना समाप्त किया है. यदि पांच दिन में कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन करेंगें.
(इनपुट- पंकज सोनी)
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