राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (jaipur) में मृतक राम प्रसाद मीणा के शव को लेकर पिछले तीन दिनों से परिवार वाले धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. राम प्रसाद की आत्महत्या के कारण मौत हुई थी. इससे पहले राम प्रसाद ने एक वीडियो बनाकर राज्य के एक मंत्री पर आरोप लगाया था.
जयपुर के सुभाष चौक थाना इलाके में जमीनी विवाद को लेकर राम प्रसाद मीणा ने राजस्थान के एक मंत्री से कथित रूप से परेशान होकर आत्महत्या की जिसके बाद उसके परिवार वाले धरने पर बैठ गए. अब तक राम प्रसाद का अंतिम संस्कार भी नहीं किया गया है. शव को अभी भी फ्रिजर में रखा गया है.
मौत से ठीक पहले राम प्रसाद ने एक वीडियो बनाया था, जिसमें राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी सहित कई लोगों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था.
वहीं मीणा परिवार के इस धरना प्रदर्शन को बीजेपी का समर्थन मिल रहा है, बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, बीजेपी शहर महामंत्री अजय पारीक, पार्षद रजत विश्नोई, मृतक के परिजनों के साथ घटना स्थल पर धरने पर डटे हुए हैं. मीणा परिवार और जनप्रतिनिधियों ने कहा कि मांगे पूरी नहीं होने तक वह आंदोलन जारी रखेंगे.
राम प्रसाद की जमीन एक मंदिर से भी सटी हुई है और मंदिर के पुजारी परिवार पर भी एफआईआर दर्ज हुई है. मंदिर पुजारी देवेन्द्र शर्मा, ललित शर्मा और जयपुर विप्र फाउंडेशन के राजेश कर्नल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न्याय की मांग की और कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि प्रकरण में श्री गिरधारी मंदिर के पुजारियों को बेवजह प्रताड़ित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं मंदिर के पीछे जिस जमीन पर मृतक और उसके घरवाले मकान बनवा रहे थे उसे लेकर पुजारी परिवार ने इस प्लॉट के प्रकरण में पहले ही कोर्ट की शरण ली थी. कोर्ट से सभी फैसले पुजारी परिवार के पक्ष में आए हैं.
पुजारी परिवार ने कहा कि उन्होंने कभी मृतक को प्रताड़ित नहीं किया, उन्हें न्याय पर भरोसा था तो पूरी लड़ाई हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी गई. जिसमें हर बार फैसला उनके पक्ष में आया.
(इनपुट क्रेडिट - पंकज सोनी)
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