सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दागी नेताओं पर चल रहे केस पर जवाब मांगा है. कोर्ट ने 3 साल के भीतर नेताओं, सांसदों और विधायकों पर दर्ज केस की जानकारी मांगी है. साथ ही इन मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इन स्पेशल कोर्ट बनाने पर होने वाले खर्च की भी जानकारी मांगी है.
6 हफ्ते के अंदर मांगी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि 2014 के आंकड़ों के मुताबिक सांसदों और विधायकों से जुड़े 1,581 मामलों में से कितनों का एक साल के भीतर निपटारा किया गया है. कोर्ट ने इन तीन सालों के बीच नेताओं के आपराधिक मामलों का ब्योरा और उनके निपटारे का आंकड़ा भी 6 हफ्ते के भीतर मांगा है.
केंद्र ने क्या कहा ?
केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा है कि राजनीति को अपराधमुक्त करना होगा और नेताओं के खिलाफ दायर आपराधिक मामले देखने के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन का समर्थन किया है. केंद्र ने कहा है कि आपराधिक मामलों में दोषी करार दिए गए नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की वकालत करने वाली चुनाव आयोग और विधि आयोग की सिफारिश पर विचार किया जा रहा है.
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