सेबी चेयरमैन का कार्यकाल पूरा करने जा रहे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अजय त्यागी ने सोमवार को कहा कि इस बाजार विनियामक संस्था में काम करने का उनका अनुभव ‘बहुत अच्छा रहा।’
संगठन में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस कार्यकाल की यही रही कि उन्होंने ‘ पारदर्शी कार्यप्रणाली और परामर्श के साथ काम किया, हमने ‘किसी के वश में आये बिना’ काम किया।
त्यागी का वर्तमान कार्यकाल इसी माह पूरा हो रहा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने इस सवाल पर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया कि क्या उन्हें एक और कार्यकाल मिल सकता है या उन्होंने इस पद के लिए पुन: आवेद किया है।
उन्होंने अपने कार्यकाल के बारे में कहा, ‘‘यहां का अनुभव बहुत अच्छा रहा। मेरा और मेरी टीम ने परामर्श कर के चलने और पूरी पारदर्शिता के साथ काम करने में विश्वास किया। हम किसी के वश में नहीं आए.. हम काम में सजग रहे।’’
त्यागी ने कहा कि तीन दशक पुरानी यह संस्था बड़ी जीवंत है।
वह अपनी कोई योजना या काम अधूरा रह जाने के सवाल पर कुछ खुल कर नहीं बोले। उनका कहना था कि संस्था को नियमों के प्रवर्तन पर ध्यान देते रहना होगा। बजट में की गयी घोषणा के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में अधिशेष राशि को हस्तांतरित करने के संदर्भ में यह पूछे जाने पर कि क्या सेबी ने ऐसी कुछ बचत का आकलन किया है जिसे सरकार को हस्तांतरित किया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं किया गया हैं। उन्होंने इसका कोई कारण नहीं बताया पर कहा कि पैसे के लिए सरकार कोई अधिसूचना जारी नहीं करने जा रही है।
यदि सेबी अपनी बचत में से कुछ धन सरकार को हस्तांतरित करता है तो वह रिजर्व बैंक के बाद ऐसा करने वाला दूसरा विनियामक संस्थान होगा।
आरबीआई ने केंद्र को 50 हजार करोड़ रुपया दिया है।
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