नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। शिवसेना और जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को लोकसभा सांसद मोहन डेलकर के कथित आत्महत्या मामले को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। साथ ही कहा कि सांसद के उत्पीड़न में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
शिवसेना सांसद विनायक राउत ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि 35 साल तक संसद में बैठने वाले डेलकर को प्रशासन और अधिकारियों ने इतना परेशान किया कि उन्हें अपनी जान देनी पड़ी। आत्महत्या करके मरना पड़ा क्योंकि उन्हें प्रशासन और अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा था। यदि आप उनका सुसाइड नोट पढ़ेंगे, तो आप पाएंगे कि उन्हें दादर और नगर हवेली के प्रशासक और अधिकारी परेशान कर रहे थे।
राउत ने आगे कहा, महाराष्ट्र में एमवीए (महाराष्ट्र विकास अगाड़ी) सरकार ने मामले की जांच करने के लिए एटीएस को तैनात किया है, लेकिन मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह इस सदन से ही स्थानीय प्रशासन, एसपी और कलेक्टर को बर्खास्त कर दें। साथ ही उन पर आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला चलाएं।
इसके बाद नालंदा सीट से जद(यू) के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा, अगर जन प्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं है, तो हम प्रशासन से क्या उम्मीद कर सकते हैं। मैं इस घटना के लिए जिम्मेदार प्रशासन को हटाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करता हूं।
बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली से सात-बार के सांसद डेलकर, 22 फरवरी को दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके में एक होटल में मृत मिले थे। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में पहली एफआईआर दर्ज की थी। लोकसभा सांसद की मौत के सिलसिले में आत्महत्या के लिए उकसाना डेलकर के परिवार के सदस्यों ने मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन का दौरा किया और शिकायत दर्ज की। डेलकर के परिजनों ने आत्महत्या के लिए उकसाने और अत्याचार अधिनियम के प्रावधानों के तहत मरीन ड्राइव में मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने डेलकर के होटल के कमरे से उनके ही लेटरहेड पर लिखा 15 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था। पुलिस ने बताया है कि इस नोट में कुछ नामों का उल्लेख किया गया है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को घोषणा की थी कि एक विशेष जांच दल (एसआईटी) डेलकर की कथित आत्महत्या की जांच करेगा।
--आईएएनएस
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