ADVERTISEMENTREMOVE AD

शाकिब से माफी मांगना चाहता हूं : मुर्तजा

शाकिब से माफी मांगना चाहता हूं : मुर्तजा

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

 लंदन, 5 जुलाई (आईएएनएस)| आईसीसी विश्व कप-2019 में शाकिब अल हसन का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। वो एक तरह से अकेले अपनी टीम को जीत पर जीत दिलाते रहे, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें बाकी साथियों से उतना समर्थन नहीं मिला जिसकी टीम को जरूरत थी।

  टीम के कप्तान मशरफे मुर्तजा ने भी इस बात को माना और टीम का उनके मुकाबले का प्रदर्शन न करने पर उनसे माफी मांगी। बांग्लादेश को इस विश्व कप के अपने आखिरी मैच में शुक्रवार को पाकिस्तान से 94 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में भी शाकिब ने 64 रनों की पारी खेली। इसी के साथ वह इस विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बने।

शाकिब ने आठ मैचों की आठ पारियों में 606 रन बनाए। इस विश्व कप में उन्होंने दो शतक और पांच अर्धशतक जमाए। वह हालांकि टूर्नामेंट खत्म होने तक सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजी की सूची में पहले स्थान से हट सकते हैं, क्योंकि दूसरे स्थान पर भारत के रोहित शर्मा हैं तो तीसरे पर आस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर। रोहित के 544 रन हैं और वार्नर के 516। भारत और आस्ट्रेलिया दोनों ही सेमीफाइनल में पहुंच चुकी हैं और रोहित तथा वार्नर दोनों शानदार फॉर्म में हैं।

शाकिब ने गेंद से भी अच्छा योगदान दिया और आठ मैचों में 11 विकेट लिए। वह मैन ऑफ द सीरीज के प्रबल दावेदारों में से एक हैं।

मैच के बाद मुर्तजा ने कहा कि शाकिब बेहतरीन खेले लेकिन बाकी टीम उनका साथ नहीं दे पाई।

कप्तान ने कहा, "मुझे लगता है कि आखिरी के दो मैचों में तो शाकिब बेहतरीन खेले। उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की लेकिन हम साझेदारियां नहीं कर पाए। दोनों मैच 50-50 की स्थिति में थे, हम लक्ष्य हासिल कर सकते थे, लेकिन साझेदारियां नहीं हो पाईं। मैं शाकिब से इसके लिए माफी मांगना चाहता हूं, क्योंकि अगर हम थोड़ा और आगे आकर मेहनत करते तो परिणाम कुछ और हो सकते थे। उन्होंने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग सभी अच्छे से की। वह लाजवाब रहे।"

मुर्तजा ने साथ ही माना की टीम की खराब फील्डिंग ने भी काफी नुकसान पहुंचाया।

मुर्तजा ने कहा, "कुछ अहम मैचों में हमारी फील्डिंग अच्छी नहीं थी। इससे हमें काफी नुकसान हुआ। हम संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि हम विश्व कप का अच्छा अंत कर सकते थे, लेकिन अंत में हमारा विश्व कप 50-50 रहा। आप अपना 100 फीसदी देते हो लेकिन कई बार आपको किस्मत की भी जरूरत होती है, लेकिन वो हमारे साथ नहीं था।"

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×