जेडीयू के बागी लीडर शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है. ये जानकारी शरद यादव के ऑफिस की तरफ से दी गई है. पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में जेडीयू ने राज्यसभा सचिवालय में उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इसके बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने दोनों की सदस्यता खत्म करने का फैसला किया.
महागठबंधन टूटने से नाराजगी
नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाने के फैसले से शरद यादव नाराज थे. शरद यादव और अली अनवर अंसारी ने पार्टी के इस फैसले से असहमति जताई थी. जेडीयू ने अगस्त में शरद यादव को राज्यसभा में जेडीयू के नेता के पद से हटा दिया गया था. उनकी जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा में जेडीयू का नेता बनाया गया था.
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उसके बाद शरद यादव लालू प्रसाद यादव की 'बीजेपी भगाओ, देश बचाओ' रैली में भी शामिल हुए थे. जहां मंच से उन्होंने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला था. इसके बाद जेडीयू ने उन्हें अयोग्य घोषित करने की याचिका दी थी.
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जेडीयू ने अयोग्य ठहराने के लिए दायर की थी याचिका
जेडीयू नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने एक याचिका में शरद यादव और राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का दावा करते हुए उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था. जेडीयू की याचिका के बाद नेता शरद यादव की सदस्यता को लेकर राज्यसभा ने नोटिस जारी किया था. और उन्हें उनका पक्ष रखने के लिए सभापति ने बुलाया था.
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