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Sidhu Moose Wala: गैंगस्टर लॉरेंस-बराड़ की कहानी और कौन है विक्की मिद्दुखेड़ा?

Punjab Police ने बताया कि, हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग शामिल हैं. गैंग के सदस्य लकी ने कनाडा से जिम्मेदारी ली है.

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पंजाबी सिंगर और कांग्रेसी नेता सिद्धू मूसे वाला (Sidhu Mosse Wala) की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने बताया कि इस हत्या के पीछे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और इनके सहयोगियों का हाथ है.

मूसे वाला की हत्या के कुछ घंटे बाद मीडिया से बात करते हुए, पंजाब के डीजीपी वीके भावरा ने कहा, "इस हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग शामिल हैं. गैंग के एक सदस्य लकी ने कनाडा से जिम्मेदारी ली है."

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इस बीच फेसबुक पर भी कथित रूप से बिश्नोई और बराड़ ने पोस्ट साझा कर मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी ली. बिश्नोई की ओर से साझा किए गए फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया कि-

"मैं, और मैरा भाई गोल्डी बराड़ सिद्धू मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं. लोग जो चाहें कह सकते हैं, लेकिन हमने अपने भाई विक्की मिद्दुखेड़ा की मौत का बदला ले लिया है. सिद्धू मूसे वाला ने उसे मारने में मदद की थी."

पोस्ट में आगे लिखा गया कि, "मैंने उसे जयपुर से फोन किया था और उससे कहा था कि उसने जो किया वह गलत है. उसने मुझसे कहा कि उसे किसी की परवाह नहीं है और उसने मुझे यह कहते हुए चुनौती दी कि उसने भी अपना हथियार लोड कर रखा है. इसलिए अब हमने अपने भाई की मौत का बदला लिया है. लेकिन यह तो बस शुरुआत है. हमारे भाई की हत्या में जो भी शामिल थे, वे सतर्क रहें."

द क्विंट इन फेसबुक पोस्ट की पुष्टि नहीं कर सकता. इस मामले में और स्पष्टता के लिए द क्विंट ने पंजाब पुलिस से संपर्क किया. पंजाब पुलिस ने द क्विंट को बताया कि फिलहाल इन फेसबुक पोस्ट की जांच की जा रही है. लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने पहले ही इस हत्या की जिम्मेदारी ले ली है.

फेसबुक पर लगाए गए आरोप निराधार हैं कि सिद्धू मूसे वाला विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में शामिल थे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मिद्दुखेड़ा की हत्या के सिलसिले में मूसे वाला के मैनेजर शगनप्रीत सिंह की भूमिका की जांच की जा रही है. हालांकि, पुलिस को अब तक मूसे वाला के खिलाफ कुछ ऐसा नहीं मिला है जिससे उन्हें मिद्दुखेड़ा की हत्या से जोड़ सकें.

लेकिन कौन हैं लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, विक्की मिद्दुखेड़ा और शगनप्रीत सिंह जिनके नाम मूसे वाला की हत्या के बाद सामने आ रहे हैं?

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कौन हैं लॉरेंस बिश्नोई? 

31 वर्षीय लॉरेंस बिश्नोई 2017 से राजस्थान की भरतपुर जेल में हैं, उस पर हत्या के प्रयास, घुसपैठ, डकैती और हमले सहित आईपीसी की कई धाराओं के तहत अपराधों का आरोप लगाया गया है.

लॉरेंस का नाम उस समय सामने आया था जब इसके एक सहयोगी को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और उसने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की हत्या करने की योजना का खुलासा किया था. दरअसल इनके अनुसार ब्लैकबक्स (काला हिरण) पवित्र होते हैं और इसलिए कथित तौर पर इस गैंगस्टर ने लॉरेंस के कहने पर ही सलमान के हत्या की योजना बनाई थी.

बता दें कि सलमान खान को 1998 के काला हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराया गया था और 2020 की एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक लॉरेंस के सहयोगियों ने दावा किया था कि लॉरेंस "काले हिरणों की हत्या का बदला लेना चाहता है".
Punjab Police ने बताया कि, हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग शामिल हैं. गैंग के सदस्य लकी ने कनाडा से जिम्मेदारी ली है.

लॉरेंस बिश्नोई

फोटो- द क्विंट

लॉरेंस का जन्म पंजाब के फिरोजपुर जिले (जो अब फाजिल्का जिले में हैं) के धतरंवाली में एक संपन्न परिवार में हुआ था और उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की थी. सॉरेंस लगभग एक दशक पहले पंजाब विश्वविद्यालय (SOPU) के छात्र संगठन का अध्यक्ष भी रहा है.

लॉरेंस के करीबी सहयोगियों में संपत नेहरा शामिल है, जिसने पुलिस के सामने कथित सलमान खान की हत्या की साजिश का खुलासा किया था. इसके अलावा काला जठेदी भी शामिल है, जिस पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने MCOCA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया हुआ है. यह फिलहाल फरार है. इसके अलावा गोल्डी बराड़ भी शामिल है, जिसने सिद्धू मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी कथित तौर पर फेसबुक पर ली है. इस महीने की शुरुआत में, लॉरेंस और गोल्डी के तीन करीबी सहयोगियों को पंजाब पुलिस ने बठिंडा से गिरफ्तार किया था.

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गोल्डी बराड़

सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ लॉरेंस का करीबी माना जाता है. बराड़ कनाडा से है जिसपर भारत में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. जैसे 2021 में फरीदकोट जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान की हत्या का मामला.

गुरलाल सिंह की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने बराड़ के एक रिश्तेदार को गिरफ्तार किया था. उस समय, पुलिस सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया था कि 2020 में SOPU के पूर्व प्रमुख गुरलाल बराड़ की हत्या के बदले में गुरलाल सिंह की हत्या की गई थी. गुरलाल बराड़ भी गोल्डी बरार का चचेरे भाई था.

मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए बराड़ ने फेसबुक पोस्ट में लिखा
, "लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मैं, सचिन बिश्नोई धत्तारनवाली, सिद्धू मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं. उसका नाम विक्की मिद्दुखेड़ा और गुरलाल बराड़ की हत्या के मामले में सामने आया था और इसके बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया."
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विक्की मिद्दुखेड़ा

विक्रमजीत सिंह मिद्दुखेड़ा उर्फ विक्की मिद्दुखेड़ा युवा अकाली दल के नेता थे, जिनकी अगस्त 2021 में मोहाली के सेक्टर 71 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रिपोर्टों के अनुसार, यह अपराध गैंगस्टर अमित डागर और भूप्पी राणा के इशारे पर किया गया था.

मिद्दुखेड़ा का परिवार श्री मुक्तसर साहिब जिले के मलौत से ताल्लुक रखता है और कहा जाता है कि बादल परिवार के साथ उसके अच्छे संबंध हैं जो उसी जिले के हैं.

विक्की ने मोहाली के शिवालिक पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की और फिर चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से आगे की पढ़ाई की. मिद्दुखेड़ा 2009 में SOPU के अध्यक्ष बने थे.

Punjab Police ने बताया कि, हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग शामिल हैं. गैंग के सदस्य लकी ने कनाडा से जिम्मेदारी ली है.

विक्की मिद्दुखेड़ा

फोटो- द क्विंट

इसके बाद वह शिरोमणि अकाली दल के छात्र संगठन स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (SOI) में शामिल हो गए. मिद्दुखेड़ा को 2015 के पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में SOI की जीत का मास्टरमाइंड माना जाता है. उनके भाई अजय मिद्दुखेड़ा भी राजनीति में हैं और उन्होंने मोहाली में नगर निगम का चुनाव लड़ा था.

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शगनप्रीत सिंह

इस पूरे विवाद में एक और नाम जो सामने आ रहा है वह है शगनप्रीत सिंह. वह सिद्धू मूसे वाला का मैनेजर था और विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या के सिलसिले में पंजाब पुलिस को उसकी तलाश है. कहा जा रहा है कि वह ऑस्ट्रेलिया भाग गया था.

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