पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसे वाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या के मामले में एक तरफ पुलिस के हाथ वो सीसीटीवी फूटेज लगा जिसमें हत्यारों द्वारा इस्तेमाल की गई कार को मानसा में आते देखा गया था. दूसरी ओर जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने पूछताछ में बताया कि ये हत्या बदले की हत्या थी लेकिन इसमें वो शामिल नहीं था.
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सिद्धू मूसे वाला की हत्या के मुख्य संदिग्ध गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अब तक कबूल नहीं किया है, लेकिन उसने कहा है कि सिंगर (मूसे वाला) को बदले की भावना से ही मारा गया था. उसने यह भी कहा है कि उसके गिरोह ने हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, लेकिन उसमें वो खुद शामिल नहीं था.
पीटीआई के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि, "बिश्नोई ने पूछताछ में ज्यादा सहयोग नहीं दिया. लेकिन पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसकी मूसे वाला के साथ प्रतिद्वंद्विता थी और उसने दावा किया कि उसके गिरोह के सदस्यों ने गायक (मूसे वाला) को मार डाला. उसने खुलासा किया है कि गोल्डी बराड़ गिरोह के सदस्यों में से एक है जिसने साजिश रची और उसे अंजाम दिया. हालांकि बिश्नोई ने अभी तक अपने गिरोह और हत्या में शामिल अन्य सदस्यों का नाम नहीं बताया.
इस बीच शुक्रवार, 3 जून को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सिद्धू मूसे वाला के माता-पिता से मुलाकात की. हालांकि जब सीएम मान वहां पहुंच रहे थे तब उन्हें रास्ते में विरोध का सामना करना पड़ा, प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और उन्हें मूसा गांव में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की. मान सुबह करीब 10 बजे मूसे वाला के घर पहुंचे और भारी पुलिस सुरक्षा के बीच उन्होंने परिवार के साथ करीब एक घंटा बिताया.
पंजाब की सरकार ने जनता का विश्वास पूरी तरह से हिला दिया है- बीजेपी
वहीं पुलिस को मूसे वाला की हत्या के चार दिन पहले का एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है जिसमें वो कार दिखाई दे रही है जो हत्यारों ने इस्तेमाल की थी. फुटेज से पता चला कि ये कार हरियाणा के फतेहाबाद जिले से पंजाब के मानसा आई थी. इस मामले में मोगा पुलिस ने फतेहाबाद से दो लोगों को हिरासत में भी लिया है.
उधर बीजेपी नेता जगजीत सिंह ने सिद्धू मूसे वाला की हत्या को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सिंह ने कहा कि मूसे वाला की उन्हीं के गांव में उनके घर के पास ही हत्या की गई जिसकी वजह से पंजाब की सरकार ने जनता का विश्वास पूरी तरह से हिला दिया है.
याचिका के अनुसार उन्होंने कहा कि, "किसी राज्य एजेंसी के पास इस मामले की जांच करने का अधिकार क्षेत्र बहुत ज्यादा नहीं है क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर के साथ-साथ स्थानीय / अंतर-राज्यीय अपराधी भी शामिल हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों में भाग गए हैं या भागने की कोशिश कर रहे हैं."
बता दें कि 29 मई को सिद्धू मूसे वाला की हत्या हुई थी. हत्या के बाद किए गए पोस्टमॉर्टम में सामने आया कि मूसे वाला को 19 गोलियां मारी गई थीं और 15 मिनट के अंदर ही उनकी मौत हो गई थी.
ज्यादातर गोलियां मूसे वाला के शरीर के दाहिने हिस्से में लगीं. गोलियां किडनी, लिवर ,फेफड़े और रीढ़ की हड्डी में भी लगी हैं. मौत का कारण हेमरेज शॉक बताया गया है. गोली लगने के बाद नाक और मुहं में खून भरने की वजह से मुहं और आंखे बंद थीं. पोस्टमार्टम की पूरी वीडियोग्राफी की गई है. कनाडा का गैंगस्टर और लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी ली है.
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