प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के महिला महाविद्यालय (MMV) में 27 अप्रैल को इफ्तार पार्टी के आयोजन में कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन के शामिल होने पर छात्रों में गुस्सा देखा गया. इसके विरोध में छात्रों ने कुलपति आवास के सामने पुतला दहन किया. इसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में माहौल तनावपूर्ण हो गया है. स्टूडेंट्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कुलपति को रोजा इफ्तार में शामिल होना है, तो वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी या जामिया मिलिया इस्लामिया चले जाएं.
क्या है पूरा मामला?
BHU के MMV में हुई इफ्तार पार्टी की तस्वीरें सामने आने के बाद स्टूडेंट्स का एक गुट कुलपति आवास के बाहर पुतला दहन करने पहुंच गया. इस दौरान स्टूडेंट्स नारेबाजी करने लगे. उनका कहना था कि पूर्व वीसी गिरीश चंद त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में नवरात्रि के समय फलाहार की परंपरा शुरू की थी, लेकिन उस परंपरा को खत्म करके इफ्तार की नई परंपरा शुरू की जा रही है.
स्टूडेंट्स ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में एक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया. BHU के अधिकारिक निमंत्रण पत्र में परंपरागत तरीके से इफ्तार पार्टी के मनाने की बात कही गई. 27 अप्रैल की शाम 6 बजे इस इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था, जिसमें कुलपति समेत विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए थे.
ये खबर मिलते ही स्टूडेंट्स ने अपना प्रतिरोध दर्ज कराया. स्टूडेंट्स ने आगे भी इसी मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
'जानबूझकर की गई इफ्तार पार्टी'
BHU के शोध छात्र आशीर्वाद दुबे और पतंजलि पांडे ने बताया कि इफ्तार पार्टी का आयोजन काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इससे पूर्व कभी नहीं हुआ था. आयोजन के लिए महिला महाविद्यालय को चुना गया, ताकि छात्र विरोध करने महिला महाविद्यालय में न जा सकें. यह एक गलत परंपरा डाली जा रही है, जिसका स्टूडेंट्स विरोध करेंगे.
'देश की गंगा-जमुनी तहजीब' - चीफ प्रॉक्टर
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिफ प्रॉक्टर वीसी कापड़ी ने कहा कि यहां अलग-अलग धर्मों के हजारों स्टूडेंट्स अध्ययन करते हैं. उन्होंने कहा, "ऐसे में रमजान के पाक माह में रोजा इफ्तार की पार्टी किसी धर्म विशेष को उकसाने की बजाए, गंगा-जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी. हमें किसी प्रकार का कोई दुख नहीं है. बल्कि हमारा विश्वविद्यालय, यहां के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ इसको आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे."
"विश्वविद्यालय प्रशासन ये साफ कर देना चाहता है की किसी को भी किसी के धर्म के बारे में गलत बयान बाजी करने का कोई अधिकार नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह कार्यों में आगे भी सहयोग करता रहेगा."चीफ प्रॉक्टर
चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि जिन स्टूडेंट्स ने कुलपति का पुतला फूंकने की कोशिश की, उनकी पहचान कर जवाब तलब करने की कार्रवाई चल रही है. जवाब आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.
(इनपुट- चंदन पांडेय)
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