बिहार (Bihar) की राजधानी पटना में सातवें चरण की शिक्षक बहाली को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए हैं. शुक्रवार 17 मार्च को हजारों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थियों ने डाकबंगला चौराहे पर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे.
अभ्यर्थियों को 44 महीने से बहाली का इंतजार
बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के आह्वान पर कई जिलों से हजारों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलन में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि वो 44 महीने से बहाली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग को अनसुना कर दे रही है.
प्रदर्शन में शामिल एक अभ्यर्थी ने कहा, "नीतीश और तेजस्वी सरकार अब कितना लाठी बरसाना चाहती है. हम लोग भूखे मर जाएं. हम B.Ed किए, दो बार CTET किए. हम लोग जिंदा नहीं रहें. हम लोग यहां के नागरिक नहीं हैं."
एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार हमारी नहीं सुन रही है. हमारी सरकार से विनती है कि हमें रोड से बोट पर भेजा जाए.
बिहार में नीतीश कुमार हम लोगों पर हिटलर की तरह राज करना चाहते हैं. हिटलर की नीति थी कि लोगों को इतना भूखा रखो कि वो जिंदा रहने को ही विकास समझे, नीतीश कुमार यही कर रहे हैं. हम लोग पिछले 44 महीन से CTET-BTET पास करके, बीएड किए, कई अभ्यर्थियों ने कर्ज लेकर बीएड, सीटेट की पढ़ाई की है. 44 महीने से हम लोग जिंदाबाद-मुर्दाबाद का नारा लगा रहे हैं. क्या ये हमारी जगह है?अभ्यर्थी
प्रदर्शन में शामिल एक अभ्यर्थी ने कहा, "सरकार 4 साल से बहाली की बात कर रही है, लेकिन बहाली के नाम पर युवा वर्ग सड़क पर है. तेजस्वी यादव ने कहा था कि हमारी पहली कलम युवा वर्ग के लिए चलेगी, लेकिन कुछ नहीं मिला. सरकार एक तारीख बताए कब नोटिफिकेशन आएगा. जब तक नोटिफिकेशन नहीं आएगा तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा."
प्रदर्शनकारी विधानसभा तक मार्च निकालना चाह रहे थे कि पुलिस ने उन्हें डाक बंगला चौराहे पर ही रोक लिया. दरअसल, अभ्यर्थी लंबे समय से शिक्षक बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. पिछले महीने 3 फरवरी को बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा था, "वर्ष 2023 नियुक्ति का वर्ष होने वाला है. कोई अभ्यर्थी घबराएं नहीं, महीना भर के अंदर में नियोजन नियमावली आपके बीच आ जाएगा."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)