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बिकरू कांड: "तब वह नाबालिग थी..." 30 महीने बाद खुशी दुबे को SC से जमानत मिली

Bikru Kand: 2 जुलाई, 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था.

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राज्य
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बिकरू कांड: "तब वह नाबालिग थी..." 30 महीने बाद खुशी दुबे को SC से जमानत मिली
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कानपुर के चर्चित बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे को 30 महीने बाद बुधवार, 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई. हालांकि सप्ताह में एक दिन खुशी को थाने में हाजिरी लगानी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए जमानत दी कि,घटना के वक्त वो 17 साल की नाबालिग थी. बता दें कि बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर अमर दुबे से महज तीन दिन पहले खुशी की शादी हुई थी और पुलिस ने उसे भी आरोपी बना जेल भेज दिया था.

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कौन है खुशी दुबे ?

आपको बता दें खुशी दुबे बिकरू कांड को अंजाम देने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के राइट हैंड कहे जाने वाले अमर दुबे की पत्नी है. यूपी पुलिस ने खुशी दुबे पर भी बिकरू कांड में शामिल होने का आरोप लगाया था.

क्या था पूरा मामला 

2 जुलाई, 2020 को कानपुर के चौबेपुर थाने के अंतर्गत आने वाले बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों को गोलियों से छलनी कर दिया था. विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई टीम पर विकास दुबे और उसके भतीजे अमर दुबे ने फायरिंग कर दी थी. बिकरू कांड के कुछ दिनों में ही यूपी पुलिस ने अमर दुबे को एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था. ब‍िकरू कांड से पांच द‍िन पहले ही अमर दुबे की खुशी दुबे से शादी हुई थी. वहीं, बिकरू कांड में पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को आरोपियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

खुशी दुबे को इस शर्तों पर मिली जमानत-

सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को जमानत देते हुए उसके कानपुर जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए शर्त रखी है कि उसे हर हफ्ते स्थानीय थाने में हाजिरी लगाने के लिए जाना होगा.

हालांकि इस मामले में यूपी सरकार ने जमानत अर्जी का विरोध किया था और कहा था कि जमानत मिलने पर वो गैंग का पुर्नगठन कर सकती है.

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वारदात के वक्त नाबालिग थी खुशी दुबे

पुलिस ने खुशी के खिलाफ फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज किया था. इस दौरान पता चला कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर खुशी उस समय नाबालिग थी. जिस वक्त खुशी को गिरफ्तार किया गया था, उस वक्त उसकी उम्र 17 साल 10 महीने की थी. खुशी की शादी को 7 दिन ही हुए थे. उसके खिलाफ फ्रॉड और चीटिंग का केस भी दर्ज किया गया था, क्योंकि वो अपनी मां के नाम का सिम इस्तेमाल कर रही थी. वहीं खुशी को गिरफ्तार करने के चार महीने बाद पुलिस ने उसके खिलाफ दूसरे मामले भी केस दर्ज किया था. 

कोर्ट ने बिकरू कांड में खुशी दुबे को जमानत दे दी है मेरे लिए ये सिर्फ एक केस नहीं था. मेरे लिए ये एक जिद थी. जिद उन व्यवस्था के खिलाफ थी.
खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित

खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने कहा कि माती स्थित कोर्ट में जमानती पत्र दाखिल कर खुशी को जेल से रिहा कराया जाएगा. उन्हें हर हफ्ते SHO के सामने हाजिरी लगानी होगी.

इनपुट- विवेक मिश्रा)

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