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BJP नेता ने सरेआम गुंडे को पुलिस से छुड़ाया, मामला बढ़ा तो एक्शन

बिकरू कांड के बाद भी कानपुर में सियासत और अपराध का कनेक्शन नहीं कटा?

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वीडियो प्रोड्यूसर/एडिटर: कनिष्क दांगी

बीजेपी नेता नारायण सिंह भदौरिया पर लगा है यूपी के एक हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को भगाने का आरोप. पार्टी ने भी भदौरिया को अब सभी पदों से हटा दिया है. लेकिन ये केस जिस तरह से सामने आया, और पार्टी और पुलिस ने जिस तरह से एक्शन लिया, उससे यही लगता है कि कानपुर में अपराध और सियासत का मजबूत जोड़ विकास दुबे कांड के बाद भी पुख्ता है.

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क्या है पूरा मामला

मामला कानपुर के नौबस्ता के उस्मानपुर का है. बीजेपी कानपुर दक्षिण महामंत्री नारायण सिंह अपना जन्मदिन पार्टी एक गेस्टहाउस में मना रहे थे. इस पार्टी में अपराधी मनोज सिंह पहुंचा था. वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस जब हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाने लगी तब नारायण भदौरिया और समर्थकों ने पुलिस की जीप को चारों ओर से घेर लिया और हिस्ट्रीशीटर को छोड़ने की बात करने लगे. पुलिस ने जब उसे छोड़ने से मना कर दिया तो उसके समर्थक भड़क गए और पुलिस से झड़प हुई. इसी बीच मनोज फरार हो गया.

बिकरू कांड के बाद भी कानपुर में सियासत और अपराध का कनेक्शन नहीं कटा?

जब वारदात का वीडियो सरेआम हो गया. जब पुलिस, पॉलिटिक्स और अपराधियों की तीकड़ी का ये वीडियो वायरल हो गया तो पुलिस ने केस दर्ज किया. लेकिन भदौरिया को नामजद नहीं किया. इन दोनों में कोई संबंध है या नहीं हमें नहीं पता लेकिन भदौरिया के खिलाफ मामला तब दर्ज हुआ जब बीजेपी ने भदौरिया को सभी पदों से हटाया. मनोज के खिलाफ करीब 27 मामले दर्ज हैं, वो कई संगीन मामलों में शामिल है. मनोज सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

बिकरू कांड के बाद भी कानपुर में सियासत और अपराध का कनेक्शन नहीं कटा?

बीजेपी नेता नारायण भदौरिया

(फोटो: क्विंट)

क्विंट ने नारायण सिंह भदौरिया से इस बारे में पूछा तो उसने सीधे पुलिस पर ही आरोप लगाते हुए कहा वो तो मनोज को जानता भी नहीं है. क्विंट से बातचीत में नारायण ने कहा-

मेरा मनोज सिंह से कोई परिचय नहीं है, मेरी बर्थडे पार्टी थी. मनोज सिंह और उसका विरोधी संजीव दोनों के बीच आपसी विवाद चल रहा था, कोई अप्रिय घटना ना हो, इसलिए मैं वहां गया, पुलिस सादी वर्दी में थी, इसलिए मैंने उन्हें पहचाना नहीं. मैंने पुलिस से पूछा कि वारंट है आपके पास. मेरे जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं ने पार्टी रखी थी. जिसमें 20-25 लोग शामिल हुए थे. मेरा मनोज से कोई मतलब नहीं है. सादी वर्दी में पुलिस एक सिलेरियो गाड़ी से आई थी, जिसका नंबर UP-16 था. मेरी जगह कोई भी होता तो वहां जाता ही.
बिकरू कांड के बाद भी कानपुर में सियासत और अपराध का कनेक्शन नहीं कटा?
मनोज की कई संगीन मामलों में तलाश थी
(फोटो: क्विंट)

बर्रा थाने में मनोज सिंह के नाम मामले दर्ज हैं. क्विंट ने बर्रा थाने के SHO हरमीत सिंह से पूछा कि नारायण नामजद क्यों नहीं है तो उन्होंने कहा कि ये तो नौबस्ता पुलिस बता सकती है.

मनोज की कई संगीन मामलों में तलाश थी, उसके खिलाफ करीब 27 केस दर्ज है. उसके ऊपर बलात्कार से लेकर दंगा भड़काने तक के केस शामिल हैं, मनोज को गिरफ्तार करने पूरे सर्किल की टीम गई थी. मनोज पर 25 हजार का ईनाम भी है, हम लोग उसे गिरफ्तार करने गए, लेकिन वो भाग गया. वो बीजेपी नेता के बर्थडे पार्टी में शामिल हुआ था.
बर्रा थाने के SHO हरमीत सिंह

'हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह पर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, बलात्कार जैसी गंभीर धाराओ में केस दर्ज हैं. आरोप है कि नारायण भदौरिया का भी आपराधिक इतिहास है. नारायण पर धारा 307,308 जैसी गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन पुलिस ने नारायण को रसूख के चलते FIR मे नाम नहीं लिखा.

याद होगा ये वही कानपुर है जहां कुछ महीनों पहले विकास दुबे कांड हुआ था. अपराधी विकास दुबे को नेताओं की शह थी. बाद में उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उसने उसे पकड़ने गए आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी. विकास दुबे को एक कथित एनकाउंटर में मारा गया. लेकिन लगता है कि कानपुर में असल बीमारी का इलाज अब भी नहीं हुआ. बिकरू कांड में ताजा अपडेट ये है कि विकास दुबे के शार्प शूटर अमर दुबे के की जेल में बंद पत्नी खुशी दुबे की रिहाई के लिए बीजेपी के एमएलसी उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है.

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